
भोपाल। बैरसिया रोड पर नाले के किनारे चार मंजिला गोयल कॉम्पलेक्स में 25 परिवार रहते हैं। 1980 में बनी ये इमारत 2014 में जर्जर घोषित कर दी गई थी। बावजूद आज तक इसे तोड़ा नहीं गया। हर बार बारिश के सीजन में नगर निगम इनमें रहने वाले परिवारों को सिर्फ नोटिस देता आ रहा है। परिवार जान जोखिम में डालकर इस बिल्डिंग में रह रहे हैं। इस बिल्डिंग के पिलर्स नाले में पानी के कटाव से कमजोर हो गए हैं और दरारें नजर आ रही हैं। राजधानी में ऐसी 2000 से ज्यादा बिल्डिंग्स और मकान हैं, जो जर्जर हालत में हैं। इनमें 242 जर्जर मकान तो ऐसे हैं, जो कभी भी ढह सकते हैं।
सागर में जर्जर दीवार ढहने से 9 बच्चों की मौत के बाद सोमवार को नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण ने आनन-फानन में सभी जोनल अधिकारियों को अपने जोन में जर्जर इमारतों को चिह्नित कर लिस्ट सिविल सेल को भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि इन्हें तोड़ने की कार्रवाई की जा सके। इधर, सिविल सेल ने आयुक्त को बताया कि बारिश के बाद से अब तक दो हजार से ज्यादा जर्जर मकानों को नोटिस जारी किए गए हैं। कुछ मकानों को तोड़ा गया है, जबकि कुछ को तोड़ा जाना है।
अब तक तीन बार सर्वे करा चुका है निगम
- 19 नवंबर 2012 को राजधानी के साईंबाबा नगर में ओवरहेड टैंक गिरने से 7 लोगों की मौत हो गई थी और 27 घायल हुए थे। इसके बाद निगम ने जर्जर मकानों, ओवरहेड टैंक का सर्वे कराया था। कुछ टंकियां तोड़ी गई। इसके बाद कार्रवाई बंद हो गई।
- 18 मार्च 2018 को इंदौर के सरवटे बस स्टैंड पर करीब 80 साल पुराना चार मंजिला होटल ढहने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद फिर जर्जर भवनों का सर्वे हुआ। तब 977 जर्जर मकान चिह्नित किए गए थे। इनमें 4,000 लोग रहते हैं।
- इंदौर में 30 मार्च 2023 को बावड़ी की छत ढहने से 36 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद नगर निगम ने जर्जर मकानों, ओवरहेड टैंक, बावड़ी और कुओं की लिस्ट बनाई थी। कुछ समय बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
पुराने शहर में खतरा अधिक
निगम के अनुसार, सबसे ज्यादा जर्जर इमारतें पुराने शहर में हैं। यहां कई इमारतें 100 साल से ज्यादा पुरानी हैं। ये इमारतें पीर गेट, जुमेराती, हमीदिया रोड, चौक बाजार, इकबाल मैदान, इमामी गेट जैसे भीड़ वाले इलाकों में हैं। निगम की लिस्ट के मुताबिक, 85 में से 31 वार्डों में जर्जर मकान ज्यादा हैं। इनमें सबसे ज्यादा 600 मकान पुराने शहर के वार्ड-40 में हैं।
कुछ प्रमुख इलाकों की खस्ताहाल इमारतें
- फतेहगढ़ फायर स्टेशन से चिरायु अस्पताल की ओर जाने वाली सड़क पर सदर मंजिल से लगी इमारत की 30 फीट ऊंची दीवार झुक गई है। इसका ऊपरी हिस्सा दो साल पहले गिर गया था। दीवार पर जर्जर होने की चेतावनी लिखी गई है। यह इमारत करीब 130 साल पुरानी है।
- शौकत महल की इमारत भी करीब 150 साल पुरानी है। आए दिन छज्जे और मेहराब टूटकर गिरते रहते हैं। यहां 25 से ज्यादा परिवार रहते हैं।
- हमीदिया रोड पर मनोहर डेयरी के बगल में करीब 60 साल पुरानी दो मंजिला इमारत है, जो जर्जर घोषित है। यहां करीब एक दर्जन दुकानें हैं, जिनमें बल्लियों के सहारे छत को गिरने से रोका गया है।
- पांच नंबर मार्केट के ऊपर बने तीन मंजिला जर्जर भवन में 30 से ज्यादा परिवार रह रहे हैं।
- ओल्ड सुभाष नगर में ब्लॉक 35 और 36 जर्जर हो चुका है। यहां करीब 30 परिवार रहते हैं।
- ऐशबाग स्टेडिम के पीछे जनता क्वार्टर में ईडब्लूएस के 600 मकान जर्जर हैं। इसमें 3 हजार लोग रहते हैं। हाउसिंग बोर्ड ने जर्जर होने का बोर्ड लगाया है।
राजधानी के दो हजार से ज्यादा जर्जर मकानों को नोटिस जारी किए गए हैं। पूर्व में कई जर्जर मकानों को तोड़ा जा चुका है, जबकि कई मकानों को अभी तोड़ा जाना है। हर जोन से तोड़े गए मकानों की सूची मंगाई गई है। -संतोष गुप्ता, इंजीनियर, नगर निगम
सभी जोनों में जर्जर मकानों को चिह्नित कर यांत्रिकी शाखा को अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। ऐशबाग स्टेडियम के पीछे जनता क्वार्टर के जर्जर भवनों के संबंध में हाउसिंग बोर्ड को पत्र लिखने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। -हरेंद्र नारायण, आयुक्त, नगर निगम