
शैलेन्द्र वर्मा-इंदौर। वैटलैंड में मिल रहे सीवेज के पानी को लेकर शहर के चित्रकार और पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित भालचंद्र मोढ़े इंदौर नगर निगम की कार्यशैली से बेहद नाराज हैं। उन्होंने यह तक कह दिया कि वेटलैंड साइट को संरक्षित करने के लिए काम नहीं किया गया तो वो पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) और यूएन की वेटलैंड सचिव को पत्र लिखकर इंदौर से वेटलैंड भूमियों का दर्जा वापस लेने की मांग करेंगे।
इसलिए नाराज हैं मोढ़े
दरअसल मोढ़े सिरपुर तालाब में 20 कॉलोनियों का सीवेज वॉटर मिलने और यशवंत सागर वेटलैंड संरक्षण की योजना तैयार नहीं होने से नाराज हैं। मोढ़े ने बताया कि इंदौर के सिरपुर और यशंवत सागर तालाब को वेटलैंड साइट का दर्जा प्राप्त है, लेकिन इसकी गंभीरता कोई नहीं समझ रहा है। सीएम डॉ. मोहन यादव और यूएन की वेटलैंड सचिव डॉक्टर मंसुदा मुंबा ने भी दोनों साइट का भ्रमण किया था। इधर नगर निगम एसटीपी प्लांट बना तो रहा है लेकिन निर्माण 2 साल बाद भी पूरा नहीं हुआ।
एसटीपी प्लांट में पैसे का रोड़ा
निगम सूत्रों के मुताबिक सिरपुर तालाब पर 14 करोड़ से 20 एमएलडी क्षमता का एसटीपी प्लांट बनाया जा रहा है, इसका निर्माण मई 2024 में हो जाना चाहिए था, लेकिन धीमी गति से इसका समय बढ़ाकर जुलाई 2024 कर दिया था फिर भी काम पूरा नहीं हुआ। इसके पीछे का कारण नगर निगम की आर्थिक तंगी है जिसके चलते निर्माण एजेंसी का भुगतान रोक दिया गया है। इसी से काम रुका हुआ है।
सच्चाई सामने लाऊंगा
रामसर साइट विश्व धरोहर होती है, मुझे मजबूर होकर दिल्ली और यूएन को इंदौर की हकीकत बतानी होगी। मैंने 30 साल तक इसके लिए मेहनत की है लेकिन इसको संभालने में हम असफल हो रहे है। – भालचंद्र मोढ़े,पर्यावरणविद, छायाकार पद्मश्री से सम्मानित
फंड की व्यवस्था करेंगे
एसटीपी प्लांट निर्माण के लिए जल्द ही फंड की व्यवस्था का जाएगी और रुका हुआ काम भी शुरू होगा। – पुष्यमित्र भार्गव,महापौर