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ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा, बोलीं- साध्वी थी और वही बनकर रहूंगी

बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री और साध्वी ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधि से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो साझा कर अपने फैसले की जानकारी दी है। ममता ने कहा कि वह पिछले 25 वर्षों से साध्वी हैं और साध्वी ही बनी रहेंगी।

किन्नर अखाड़े में ममता के महामंडलेश्वर बनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इस विवाद के चलते उन्होंने इस पद से इस्तीफा देने का फैसला किया।

वीडियो शेयर कर इस्तीफे का ऐलान

ममता कुलकर्णी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर कर किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफे का ऐलान किया है। वो कह रही हैं, ‘मैं महामंडलेश्वर यमाई ममता नंद गिरी, मैं इस पोस्ट से इस्तीफा दे रही हूं। आज किन्नर अखाड़े या दोनों अखाड़ों में बीच में जो मुझे लेकर महामंडलेश्वर की उपाधि घोषित करने के बीच में जो प्रॉब्लम्स हो रही हैं, मैं एक साध्वी थी 25 साल से और मैं साध्वी ही रहूंगी।’

“महामंडलेश्वर का सम्मान मुझे दिया गया था, लेकिन यह कई लोगों के लिए आपत्तिजनक हो गया। मुझे इन विवादों में फंसने का कोई कारण नहीं दिखता।” उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने 25 साल से बॉलीवुड छोड़कर घोर तपस्या की है और यह पद उन्हें उनकी साधना और तपस्या के लिए दिया गया था।

विवाद और आलोचना पर प्रतिक्रिया

ममता ने अखाड़े और अन्य संतों के बीच बढ़ते विवाद को लेकर नाराजगी व्यक्त की। मैंने देखा कि मेरे महामंडलेश्वर होने से काफी लोगों को आपत्ति हो गई। चाहे वो शंकराचार्य हो, कौन हो। कोई कहता है कि शंकराचार्य ने कहा कि है कि ये जो दो अखाड़े हैं, इसके बीच में ममता फंस गई, मैं इन सब चीजों को देखकर ये कहती हूं कि मेरे जो गुरु हैं, जिनके सानिध्य में मैंने 25 साल घोर तपस्या की है, उन्होंने कहा, “मेरे गुरु चैतन्य गगन गिरि महाराज सिद्ध महापुरुष हैं। उनकी तुलना में बाकी सभी अहंकारी लगते हैं। इन विवादों से बाहर निकलने का फैसला मैंने मां चंडी के संकेत पर लिया है।”

पैसों के आरोपों पर सफाई

ममता ने अपने महामंडलेश्वर बनने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने के आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब 2 लाख रुपये मांगे गए थे, तो किसी अन्य महामंडलेश्वर ने उनकी ओर से पैसे दिए थे। “4 करोड़ या 3 करोड़ की बात झूठ है। यह पद तपस्या और ध्यान से मिलता है, पैसों से नहीं।”

महाकुंभ में किया था पिंडदान

प्रयागराज के महाकुंभ में ममता ने संगम में पिंडदान किया था और किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनी थीं। ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनते ही कई तरह के सवाल उठने लगे थे। हालांकि, इस पर विवाद होने के बाद उन्हें पद से निष्कासित कर दिया गया।

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