ताजा खबरभोपाल

आजादी की लड़ाई में लूटा खजाना, रेल रोकने से लेकर फांसी चढ़ने तक की कहानी का मंचन

शहीद भवन में रंग महिमा थिएटर सोसायटी के कलाकारों ने नाटक ‘काकोरी’ का किया मंचन

स्वतंत्रता संग्राम के महायज्ञ में जबज ब क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी, तब-तब आजादी के नए परवाने उठ खड़े हुए। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक ऐसी ही महान घटना थी काकोरी कांड, जिसने न सिर्फ अंग्रेजी हुकूमत की नाक में दम कर दिया, बल्कि इस कांड के बाद स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से नए क्रांतिवीरों ने देश को आजाद करने का सपना पाला। इसी घटना पर आधारित नाटक ‘काकोरी’ शनिवार शाम शहीद भवन में मंचित किया गया। अंग्रेजों को सबक सिखाने वाला काकोरी कांड भारतीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। दिनेश नायर द्वारा लिखित एवं श्रद्धा शर्मा द्वारा निर्देशित इस नाटक में क्रांतिकारियों द्वारा अंगे्रजों की खजाने से भरी मालगाड़ी लूटने की घटना को दिखाया गया।

घटना पर आधारित था नाटक

यह नाटक व्यक्ति पर नहीं घटना पर आधारित था। अधिकांश नाटक व्यक्ति पर मंचित होते है, लेकिन यह नाटक घटना को दर्शाता है। मैंने इससे पहले तीन- चार नाटकों का निर्देशन किया है। – श्रद्धा शर्मा, निर्देशक

होते रहने चाहिए ऐसे नाटक

नाटक में काकोरी कांड की घटना को बहुत अच्छे से दर्शाया गया। क्रांतिक्रारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर देश की आजादी के लिए अपने प्राण त्याग दिए। ऐसे नाटकों का मंचन होते रहना चाहिए। -पुष्कर शर्मा, दर्शक

राम प्रसाद बिस्मिल ने बनाई थी योजना

नाटक में बताया गया कि क्रांतिकारियों के द्वारा चलाए जा रहे स्वतंत्रता आंदोलन को सहयोग करने के लिए धन की आवश्यकता थी। शाहजहांपुर में एक बैठक में राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेजों के सरकारी खजाने को लूटने की योजना बनाई थी। इस योजना के अनुसार हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के ही एक सदस्य राजेंद्रनाथ लेहड़ी ने 9 अगस्त 1925 को लखनऊ के काकोरी रेलवे स्टेशन से चलने वाली आठ डाउन सहारनपुर ट्रेन को चेन खींचकर रोक लिया और उसे लूट लिया। इस गतिविधि में मुख्य भूमिका क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लााह खान, चंद्रशेखर आजाद और अन्य 6 क्रांतिकारियों की थी। ट्रेन डकैती में कुल 4601 रुपए लूटे गए थे। इसके बाद अंग्रेजों ने इन्हें पकड़कर फांसी दे दी थी।

संबंधित खबरें...

Back to top button