
भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में गुजरात के जूनागढ़ से शेर लाए जा रहे हैं। वन विहार प्रबंधन की टीम इन्हें लेकर आ रही हैं, और उम्मीद है की दो शेरों का जोड़ा शनिवार शाम तक वन विहार पहुंच जाएंगा। डिप्टी डायरेक्टर एस.के सिन्हा ने बताया कि एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दो शेरों को यहां लाया जा रहा हैं, और इनके बदले बाघों के जोड़े को दिया गया है। नेशनल पार्क आने के बाद उन्हें कब पर्यटक देख सकते हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, नए साल में लोग इन्हें देख सकेंगे।
16 सालों से बन विहार की टीम कर रही थी कोशिश
गुजरात ने 16 साल बाद वन विहार नेशनल पार्क की मांग को स्वीकार करते हुए चार साल के युवा शेरों का एक जोड़ा भेजा है। इसके बदले, बांधवगढ़ नेशनल पार्क से बाघ बी-2 और बाघिन बंदनी को सक्करबाग चिड़ियाघर भेजा गया है, जिनकी उम्र करीब 7 और 6 साल है। 2006 से गिर के शेरों को लाने की कोशिशें चल रही थी। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के निर्देश के बावजूद, गुजरात वन विभाग और चिड़ियाघर प्रबंधन ने युवा बाघों के बजाय पुराने शेर देने की बात की थी, जिसे वन विहार प्रबंधन ने अस्वीकार कर दिया था।
ब्रीडिंग प्रोग्राम मिलेगा बढ़ावा
वन विहार में फिलहाल तीन शेर हैं, जिनमें एक नर शेर सत्या और दो मादा शेर, गंगा और नंदी, शामिल हैं। नंदी और सत्या को नंदन कानन चिड़ियाघर से लाया गया था। मध्यप्रदेश सरकार लगातार गिर के शेर लाने का प्रयास कर रही थी। जूनागढ़ से आ रहे शेरों के जोड़े से ब्रीडिंग प्रोग्राम को और बढ़ावा मिलेगा। मादा शेर गंगा को नया साथी मिलेगा, जबकि इन-ब्रीडिंग से बचने के लिए जूनागढ़ की मादा शेर को सत्या के साथ जोड़ा जाएगा।
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