
यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थिति बिगड़ती जा रही है। इस बीच यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि सभी भारतीय नागरिक और छात्र कीव को आज ही छोड़ दें। कहा गया है कि कीव छोड़ने के लिए जो साधन उनको मिले उसकी मदद से तुरंत बाहर निकलें।
कीव से आज ही निकल जाएं
यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास की तरफ से कहा गया है कि ट्रेन, या जो भी यातायात का साधन मिले उसे पकड़कर लोग कीव से आज ही निकल जाएं।
भारत सरकार की तरफ से चलाया जा रहा ‘ऑपरेशन गंगा’
यूक्रेन में बिगड़ते हालातों को देखते हुए लगातार भारत सरकार की तरफ से ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत भारतीय नागरिकों की वतन वापसी कराई जा रही है। हालांकि अभी भी कई ऐसे छात्र हैं जो वतन वापसी की राह देख रहे हैं।
कीव की तरफ तेजी से बढ़ रही रूसी सेना
यूक्रेन की राजधानी पर कब्जे के लिए रूस का 40 मील (64 किलोमीटर) लंबा काफिला कीव की तरफ बढ़ रहा है। रूसी हमले के बाद से अबतक यूक्रेन की तरफ भेजा गया यह सबसे लंबा मिलिट्री काफिला है। इससे पहले तक भेजे गए रूसी काफिलों का साइज 3 मील तक रहा था।
वायुसेना भी करेगी भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय नागरिकों को निकालने का काम और तेजी से होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वायु सेना को भी इस ऑपरेशन से जुड़ने के लिए कहा है। वायु सेना के हवाई जहाजों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी, और उनकी संख्या में भी वृद्धि होगी। साथ ही साथ, भारत से भेजी जा रही राहत सामग्री भी और तेजी से पहुंचेगी। भारतीय वायु सेना के कई C-17 विमान आज ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ान शुरू कर सकते हैं।
इन चार मंत्रियों को मिली निकासी अभियान की जिम्मेदारी
यूक्रेन में मौजूदा स्थिति पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला लिया गया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह सहित विशेष दूत यूक्रेन में चल रहे रूसी सैन्य अभियानों के बीच फंसे भारतीयों की निकासी के समन्वय के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों की यात्रा करेंगे।
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