
विशाखापत्तनम। समुद्र में भारतीय नौसेना की ताकत अब और बढ़ने वाली है। नौसेना के बेड़े में दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिघात (INS Arighat) आज (29 अगस्त) शामिल होने जा रही है। इसे दुश्मन का काल कहा जा रहा है। इसे लेकर चीन से लेकर पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। परमाणु बम से 750 किलोमीटर दूर तक तबाही मचाने वाला आईएनएस अरिहंत का यार अरिघात आज समंदर में उतरने जा रहा है। INS अरिघात के-15 मिसाइल से लैस होगा, जो काफी खतरनाक है। इससे दुश्मनों की हर चाल नाकाम होगी। विशाखापत्तनम के सीक्रेट जहाज निर्माण केंद्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे समंदर में उतारा जाएगा।
पनडुब्बी K-15 मिसाइलों से लैस
यह पनडुब्बी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। ये कदम भारत की सामरिक ताकत को और मजबूत करेगा। लगभग 112 मीटर लंबी इस पनडुब्बी में K-15 मिसाइलें लगी हैं, जो 750 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं। 6,000 टन वजन की INS अरिघात लंबे ट्रायल्स और टेक्नोलॉजिकल अपग्रेड्स के बाद पूरी तरह से तैयार है। यह जमीन, हवा और समुद्र में दुश्मन का खात्मा कर सकती है। देखने में यह इससे पहले मौजूद आईएनएस अरिहंत जैसी की है।
INS अरिहंत, देश की दूसरी परमाणु पनडुब्बी
INS अरिघात से पहले, 2009 में INS अरिहंत लॉन्च हुआ था। अरिघात और अरिहंत बिलकुल समान है। मगर, INS अरिघात अपने पूर्ववर्ती अरिहंत से काफी एडवांस है। INS अरिहंत और INS अरिघात दोनों ही 83 मेगावाट के क्षमता वाले लाइट वॉटर रिएक्टरों से संचालित हैं। इनके भीतर लगे छोटे परमाणु रिएक्टर उन्हें महीनों तक पानी में डूबे रहने की क्षमता देते हैं। यह पारंपरिक पनडुब्बियों से अलग है, जिन्हें अपनी बैटरी चार्ज करने के लिए हर दो दिन में सतह पर आना पड़ता है। भारत की वास्तविक ताकत तब दिखेगी जब तीसरी SSBN (परमाणु हथियारों से लैस परमाणु पनडुब्बी) अगले साल नौसेना में शामिल होगी। 7,000 टन वजनी इस पनडुब्बी का नाम INS अरिदमन होगा।
INS अरिघात की खूबियां
- INS अरिघात को विशाखापट्टनम के जहाज निर्माण केंद्र पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल ATV प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है।
- 112 मीटर लंबी न्यूक्लियर मिसाइलों से INS अरिघात लैस है।
- 6000 टन वजन और नए टेक्नोलॉजिकल अपग्रेड्स से तैयार।
- इस पनडुब्बी में K-15 मिसाइलें लगी हैं, मारक क्षमता 750 किलोमीटर है।
- पनडुब्बी में 21 इंच के छह टॉरपीडो लगे हैं।
- इसमें कई टॉरपीडो ट्यूब हैं जिनका इस्तेमाल टॉरपीडो, मिसाइल या समुद्री माइंस को तैनात में हो सकता है।
- पानी के भीतर 980 से 1400 फीट की गहराई तक जा सकती है।
- ये पनडुब्बी लंबे समय तक पानी में डूबी रह सकती है।
- आईएनएस अरिघात में 12 के-15 सागरिका सबमैरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल तैनात हैं।
- इस पनडुब्बी के अंदर एक न्यूक्लियर रिएक्टर भी लगा है।
- यह परमाणु ईंधन का इस्तेमाल करके इस पनडुब्बी को सतह पर 28 किमी/घंटा और पानी के भीतर 44 किमी/घंटा की रफ्तार देगा।
- आईएनएस अरिघात पानी की सतह पर 12-15 समुद्री मील यानी 22 से 28 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा रफ्तार से चल सकती है।