राष्ट्रीय

मीडिया का एक वर्ग हर घटना को सांप्रदायिक एंगल दे रहा, यह देश का नाम खराब करता है : सुप्रीम कोर्ट

खबरों को कम्युनल रंग देने पर सुप्रीम कोर्ट खफा

नई दिल्ली। मीडिया के एक वर्ग द्वारा खबरों को सांप्रदायिक एंगल देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा है कि इस तरह की रिपोर्टिंग से देश की छवि खराब होती है। कोर्ट की टिप्पणी तब्लीगी जमात की याचिका की सुनवाई के दौरान आई।
याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने देश में फैलाई जा रही फेक न्यूज को लेकर चिंता जाहिर की। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि मीडिया का एक वर्ग हर एक घटना को सांप्रदायिक एंगल से देखता है। इसके साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी की कि देश में चल रहे वेब पोर्टल पर किसी का नियंत्रण नहीं है।

सोशल मीडिया पर बोले

चीफ जस्टिस ने कहा कि फेसबुक, ट्विटर यूट्यूब आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बिना किसी जवाबदेही के लिखते रहते हैं, वे जजों को भी जवाब नहीं देते। इनपर चल रही फर्जी खबरों को लेकर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। लोगों के लिए तो भूल जाओ, वे (सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म) संस्थान और जजों के लिए भी कुछ भी मनमाना लिखते रहते हैं। वे जवाबदेह नहीं हैं उन पर कार्रवाई होते नहीं देखी।
इस मामले में सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने कहा कि नए IT रूल्स से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के मनमाने रवैये को रेग्युलेट करने की कोशिश जारी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि IT रूल्स को चुनौती देने विभिन्न हाई कोर्ट में लगी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किया जाए क्योंकि ये मामला पूरे भारत का है।

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