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चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को देखकर उत्साहित हुए स्टूडेंट्स, देखा चांद पर जाने का ख्वाब

साइंटिस्ट बनने की बच्चों में जागी चाहत, उत्साह से कहा अगली बारी हमारी

आंचलिक विज्ञान केंद्र में शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों को भारत के चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग शुक्रवार को लाइव दिखाई गई। जिसे देखकर बच्चे काफी उत्साहित नजर आए। लॉन्चिंग के वक्त बच्चों ने जमकर तालियां बजाईं। बच्चों ने बताया कि चंद्रयान- 3 की लॉन्चिंग को देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई। इससे उन्हें साइंटिस्ट बनने की प्रेरणा मिली।

वह साइंटिस्ट बनकर देश का नाम रोशन करना चाहते हैं। कुछ बच्चे तो चंद्रयान को चांद की तरफ जाता देख इस बात का ख्वाब देख रहे थे कि वह कब चांद पर जाएंगे। कुछ बच्चों ने कहा कि अगली बारी हमारी होगी। साइंस सेंटर के क्यूरेटर व प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर साकेत सिंह कौरव ने बताया कि चंद्रयान – 3 को चांद तक पहुंचने में 42 दिन का समय लगेगा। लॉन्च के 490 सेकंड में चंद्रयान – 3, 1300 किलोमीटर की दूरी तय कर चुका था। तब इसकी स्पीड पर सेकंड 7 किलोमीटर से अधिक थी।

प्रोपल्शन मॉड्यूल किया प्रदर्शित

साइंस सेंटर में लोगों तक चंद्रयान-3 की पूरी जानकारी के लिए प्रोपल्शन मॉड्यूल प्रदर्शित किया गया। इस मॉड्यूल में ओरिजनल चंद्रयान – 3 की तरह एक लैंडर और उसके अंदर रोवर को रखा गया है। इसके साथ में इन्फोग्राफिक्स डिस्प्ले के लिए एक स्क्रीन लगाई गई है, जिससे थ्रीडी एनिमेशन और ग्राफिक्स के जरिए चंद्रयान – 3 बारे में सारी जानकारी देखने को मिल रही है।

मेरा मन चांद पर जाने का कर रहा था

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के वक्त मेरा मन चांद पर जाने का कर रहा था। शुक्रवार को चंद्रयान-3 चांद पर गया। अगली बारी चांद पर जाने की हमारी होगी। मैं 10वीं क्लास की स्टूडेंट हूं। यह कार्यक्रम हमारे के लिए प्रेरणादायक रहा। -वैष्णव विश्वकर्मा, गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल

साइंटिस्ट बनने की मिली प्रेरणा

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को देखकर बहुत अच्छा लगा। यह एक अद्भुत पल था। इससे मुझे साइंटिस्ट बनने की प्रेरणा मिली। मैं अभी 10वी क्लास का स्टूडेंट हूं। भविष्य में साइंटिस्ट बनकर देश का नाम रोशन करना चाहता हूं। यहां आकर बहुत कुछ सीखने को मिला। -निखिल जाटव, नालंदा पब्लिक स्कूल

एक ही टारगेट, जाना है इसरो

चंद्रयान – 3 की लॉन्चिंग को देखकर बहुत खुशी हुई। मैं 11वीं क्लास की स्टूडेंट हूं। अब मेरा एक ही टारगेट है कि मुझे साइंटिस्ट बनकर इसरो में काम करना है। मैं नासा और इसरो के सभी मिशन के बारें स्टडी करती रहती हूं। साइंस सेंटर में ओरिजनल चंद्रयान – 3 की तरह एक लैंडर और उसके अंदर रोवर को देखकर बहुत अच्छा लगा। सारे स्टूडेंट्स को उसके बारे में जानकारी दी गई। इंन्फोग्राफिक्स डिस्प्ले से चंद्रयान – 3 के बारे में बहुत कुछ बताया गया। सेंटर में थ्रीडी एनिमेशन गजब का था। – संचिता सामंता, बाल भारती पब्लिक स्कूल

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