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Earthquake in Mexico: दो विनाशकारी भूकंपों की बरसी पर फिर आया भूकंप, 2 की मौत; सुनामी का अलर्ट

अमेरिका के मेक्सिको में देर रात भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.6 दर्ज की गई। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि, कोलिमा राज्य के मंजानिलो शहर में एक स्टोर की दीवार गिर गई। वहीं कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। भूकंप की वजह से 2 लोगों की मौत की खबर सामने आई है।

सुनामी का अलर्ट जारी

मेक्सिको के पश्चिमी तट के पास सोमवार दोपहर एक बजे (भारतीय समयानुसार रात 11:30 बजे) भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, भूकंप का केंद्र मिचोआकन राज्य के कोलकोमन से 59 किलोमीटर दक्षिण में प्रशांत तट के पास जमीन से 15 किमी गहराई में था।

वहीं पश्चिमी तट पर सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। यहां से 500 से किमी दूर राजधानी मेक्सिको सिटी में भी हल्के झटके महसूस किए गए।

पहले भी 2 बार इसी तारीख पर आ चुका है भूकंप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2017 में भी 19 सितंबर को ही मेक्सिको में भूकंप आया था। इसमें 370 लोग मारे गए थे। सबसे ज्यादा नुकसान देश के मध्य भाग और दक्षिणी हिस्सों में पहुंचा था। वहीं 1985 में भी 19 सितंबर को भूकंप आया था, जिसने भारी तबाही मचाई थी। इसकी वजह से करीब 5 हजार लोगों की मौत हुई थी।

ताइवान में भूकंप के बाद जापान में सुनामी का अलर्ट

ताइवान में 18 सितंबर को भूकंप के तीन भयानक झटके लगे। इसकी वजह से जापान ने सुनामी अलर्ट जारी किया था। ताइवान के मौसम ब्यूरो ने कहा कि दक्षिण-पूर्वी इलाके में स्थित ताइतुंग काउंटी में भूकंपों का केंद्र दिख रहा है। शनिवार को इसी इलाके में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था। फिर रविवार की सुबह 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद इसी जगह पर सोमवार दोपहर में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया। जो ताइतुंग की सतह से 10 किलोमीटर जमीन के अंदर पैदा हुआ था।

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आखिर क्यों आते हैं भूकंप?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

भूकंप के केंद्र का क्या मतलब है?

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है। इस स्थान पर या इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असर ज्यादा होता है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में फाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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