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तिहाड़ जेल में केजरीवाल से मिले पंजाब के CM, 15 दिन में भगवंत मान ने की दूसरी मुलाकात, जानें दोनों के बीच क्या बातचीत हुई…

नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को तिहाड़ जेल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। 15 दिन के भीतर दोनों मुख्यमंत्री की जेल में यह दूसरी मुलाकात थी। केजरीवाल से आधा घंटा चर्चा करने के बाद भगवंत मान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज मैं तिहाड़ में सीएम केजरीवाल से मिलकर आया हूं। APP प्रमुख ने उन्हें लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के प्रत्याशियों के लिए सक्रियता से प्रचार करने को कहा है।

केजरीवाल ने कहा- लोकतंत्र को बचाने के लिए वोट करें

सीएम मान ने मीडिया से यह भी कहा कि केजरीवाल का स्वास्थ्य ठीक है, वह इंसुलिन ले रहे हैं और नियमित रूप से जांच करा रहे हैं। सीएम मान ने मीडिया को बताया कि वह केजरीवाल से उसी तरह मिले, जैसे पहली बार मिले थे। मान ने कहा, ”हमारे बीच लोहे की जाली थी। यह उनकी नफरत की पराकाष्ठा हो सकती है। अरविंद केजरीवाल ने मुझसे कहा कि मैं लोगों से कहूं कि वे उनकी चिंता न करें और मतदान करें। कृपया लोकतंत्र को बचाने के लिए वोट करें।”

केजरीवाल ने कहा- ये चुनाव जीत या हार का नहीं…

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल को बताया कि उन्होंने हाल ही में भरूच और भावनगर में पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार के लिए गुजरात का दौरा किया था। मान ने कहा, ”जनता से अपार समर्थन मिला। पूरा देश कह रहा है कि केजरीवाल के साथ जो कुछ भी हुआ, वह गलत है। मैं असम भी गया था। केजरीवाल ने मुझसे दिल्ली आने और उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और जहां भी मैं गया वहां विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करने को कहा है।” उन्होंने कहा, ”ये चुनाव जीत या हार का नहीं हैं। यह संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए है।”

केजरीवाल ने बेटी का हालचाल भी पूछा

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल ने उनकी बेटी का हालचाल भी पूछा। मान के अनुसार, ”हमने एक-दूसरे के परिवारों के बारे में भी बात की। उन्होंने मेरी बेटी नियामत के बारे में पूछा, जो अब एक महीने की हो गई है।” केजरीवाल आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में एक अप्रैल से न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में हैं।

21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल

ईडी ने लगभग दो घंटे की पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें शुक्रवार (22 मार्च) को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने छह दिन की रिमांड दी। 28 मार्च को केजरीवाल की रिमांड अवधि खत्म हुई, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ा दी गई। कोर्ट ने केजरीवाल को 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा था। जिसके बाद फिर से राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी। केजरीवाल​​​​​​ को तिहाड़ जेल में 2 नंबर बैरक में रखा गया है।

HC ने रिमांड को सही ठहराया

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (9 अप्रैल) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली याचिका खारिज कर दी और शराब नीति मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी-रिमांड को सही ठहराया। हाईकोर्ट ने कहा- ED ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए। अपनी याचिका में केजरीवाल ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग कानून) की धारा-19 का उल्लंघन है। जिस पर जस्टिस स्वर्ण कान्त शर्मा ने कहा कि ईडी द्वारा जुटाए गए तथ्यों से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की शराब नीति बनाने में आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची और इससे मिले पैसों का इस्तेमाल गोवा इलेक्शन में किया।

हालांकि, 10 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।  उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

जेल से जारी कर चुके दो आदेश

केजरीवाल अब तक जेल से दो आदेश भी जारी कर चुके हैं।

पहला आदेश : केजरीवाल ने पहला सरकारी आदेश 24 मार्च को जल मंत्रालय के नाम जारी किया था। उन्होंने जल मंत्री आतिशी को निर्देश दिया था कि, दिल्ली में जहां पानी की कमी है, वहां टैंकरों का इंतजाम करें।

दूसरा आदेश : केजरीवाल ने दूसरा सरकारी आदेश 26 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम जारी किया था। उन्होंने निर्देश दिए थे कि, मोहल्ला क्लिनिक में गरीबों के लिए दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। लोगों को मुफ्त जांच और दवाई मुहैया कराई जाए।

पहली बार किसी सीएम की हुई गिरफ्तारी

यह पहला ऐसा मामला है जब किसी मुख्यमंत्री को पद पर रहते हुए ही गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले जो भी सीएम किसी आरोप के कारण जांच या फिर गिरफ्तारी के दायरे में आए थे, उन्होंने अपने पद से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को ED ने गिरफ्तार किया था। सोरेन ने ED की हिरासत में राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को लेकर की सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या है पूरा मामला ?

दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।

सिसोदिया जेल में, संजय सिंह जमानत पर

शराब नीति केस में केजरीवाल से पहले AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं। वहीं संजय सिंह को ED ने 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। हालांकि, 2 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।

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