
अशोक गौतम-भोपाल। उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ- 2028 की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस वर्ष सिंहस्थ में करीब 18 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे, जो पिछले सिंहस्थ से (तीन हजार करोड़) करीब 6 गुना ज्यादा है। इसमें 15,779 करोड़ रुपए राज्य सरकार के विभिन्न विभाग और दो हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि से एनएचएआई सहित अन्य केन्द्रीय एजेंसियां विकास करेंगी। ज्यादा खर्च इसलिए हो रहा है क्योंकि इस वर्ष सड़क, पीने के पानी की पाइप लाइन, भवन, शिप्रा के शुद्धिकरण और उसे अविरल बनाने सहित अन्य 70 फीसदी कार्य स्थाई रूप से किए जा रहे हैं। सरकार सबसे ज्यादा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम कर रही है, जिससे हर सिंहस्थ में इनका उपयोग किया जा सके।
सिंहस्थ मेला क्षेत्र 3,361 हेक्टेयर होगा, जिसमें दत्त अखाड़ा का क्षेत्र 1,392.25 हेक्टेयर होगा। इन क्षेत्रों को चार भागों में बांटा गया है। इन क्षेत्रों में सीवेज और पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम अभी से प्रारंभ कर दिया गया है। सिंहस्थ मेले में सबसे ज्यादा (4 हजार करोड़ से अधिक) राशि से विकास नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के जरिए किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के माध्यम से 3,692 करोड़ से अधिक के काम होंगे। तीसरे नंबर पर जल संसाधन विभाग है, जिसके माध्यम से 2,537 करोड़ रुपए दो वर्ष में खर्च किए जाएंगे। सिंहस्थ में 21 विभागों को 438 कार्य करने के लिए टारगेट दिए गए हैं, जो दो वर्ष के अंदर पूरे करने होंगे।
पीआईयू को दी जिम्मेदारी : सिंहस्थ से जितने काम उज्जैन में चल रहे हैं, उनकी मॉनिटरिंग के लिए प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (पीआईयू) बनाई गई है, इन यूनिट की जिम्मेदारी एक निजी एजेंसी (ग्रॉन थ्राटन कंपनी ) को दी गई है। यह यूनिट उज्जैन में हुए प्रोजेक्टों की मॉनिटरिंग करेगी, ताकि समय सीमा में पूरे हो सकें। यूनिट सभी विभागों से समन्वय कर काम की गति आगे बढ़ाएगी।
केंद्रीय एजेंसियां भी करेंगी काम : सिंहस्थ में 9,024 करोड़ का बजट रखा गया है। इसके अलावा 6,755 करोड़ रुपए विभागों को अपने मद से खर्च करना होंगे। वहीं उज्जैन से रेलवे स्टेशन तक रोपवे, नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण और उनके निर्माण का काम एनएचएआई सहित अन्य केन्द्रीय एजेंसियां करेंगी, जिसमें दो हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की जाएगी।
यह होंगे बड़े खर्च
- इंदौर-उज्जैन फोर लेन ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा।
- शिप्रा में उज्जैन-इंदौर के गंदे नालों का पानी न मिले और उसकी अविरल धारा बहे, इस पर काम होगा।
- उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे बनेगा।
- उज्जैन शहर में 100 और उपनगरीय क्षेत्रों तक 16 इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जाएंगी।
- महाकाल मंदिर के आसपास की सड़कों का विकास करना।
- इंदौर-भोपाल सड़क मार्ग के रास्ते उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं को सीधे मंदिर पहुंचाने के लिए 300 करोड़ रुपए खर्च कर महामृत्युंजय द्वार से त्रिवेणी संग्रहालय र्पाकिंग स्थल तक 3,700 मीटर लंबा फोरलेन एलिवेटेड कॉरिडोर बनाना।
सिंहस्थ 2028 के कई कार्य प्रारंभ हो गए हैं। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स के निर्देशों पर विभागों ने काम भी करना शुरू कर दिया है। सिंहस्थ में विभाग अपने और सिंहस्थ मद से काम कर रहे हैं। स्थाई कार्यों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। -भरत यादव, आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग