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कॉफी को एमपी में आम आदमी का ड्रिंक बनाने की तैयारी

प्रदेश के हर जिले और प्रमुख शहरों में कैफे के जरिए रोजगार देने का तैयार है प्लान

भोपाल। युवाओं की पसंद और बड़े उपभोक्ता बाजार को देखते हुए प्रदेश के हर जिले और प्रमुख नगरों में कॉफी सेंटर (कैफे) खोलने के लिए तैयारी की जा रही है। इससे युवाओं को रोजगार से भी जोड़ा जाएगा। कॉफी बोर्ड, राज्य सरकार के माध्यम से इस प्रस्ताव को मूर्त रूप दिया जा सकता है। सेडमैप कारोबार में आवश्यक धन, लोन, संसाधन, मशीनों, व्यापारियों के बारे में जानकारी मुहैया कराएगा। सेंट्रल कॉफी रिसर्च इंस्टीट्यूट, कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया और सेडमैप (उद्यमिता विकास केंद्र) न केवल मप्र बल्कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ के युवाओं को कॉफी के व्यवसाय की संभावनाओं पर ट्रेनिंग दे रहे हैं।

पहले बैच में तीन राज्यों के प्रशिक्षु कॉफी के बीज से लेकर प्रोसेसिंग, रोस्टिंग और कारोबार की बारीकियां सीख रहे हैं। कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया के एकमात्र उत्तर भारतीय सदस्य मनोज दुबे मानते हैं कि मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश की करीब 60 करोड़ आबादी में कॉफी के कारोबार की अपार संभावनाएं हैं। बढ़ते कैफे कल्चर को देखते हुए हर जिले, प्रमुख नगर, कस्बों में कैफे खोलने में सरकार मदद कर सकती है। इस संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल सीएम शिवराज सिंह चौहान को पूरा प्लान सौंपेगा।

25 तरह के कॉफी ड्रिंक बाजार में

कॉफी बोर्ड के रिसर्च एक्सपर्ट्स के मुताबिक कॉफी के करीब 25 तरह के प्रोडक्ट बनाए जाते हैं। कॉफी मेकिंग में कई नवाचार भी हो रहे हैं। अभी कॉफी उत्पादन का बड़ा हिस्सा निर्यात हो जाता है जबकि शेष बचे हिस्से में से 70 फीसदी दक्षिण के राज्यों में ही उपयोग होता है। उत्तर भारत के राज्यों में कॉफी का कारोबार बहुत अच्छे से बढ़ सकता है। अभी कॉफी मार्केट कुछ बड़े ब्रांड्स के पास ही है, जिसमें नए उद्यमी भी भागीदार बन सकते हैं।

एशिया में पहली वर्ल्ड कॉफी कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगा भारत

इस वर्ष वर्ल्ड कॉफी कॉन्फ्रेंस की मेजबानी भारत करने जा रहा है। यह पहला मौका है जब किसी एशियाई देश को यह अवसर मिला। वर्ल्ड कॉफी कॉन्फ्रेंस 23 से 28 सितंबर तक बेंगलुरु में आयोजित होगी। इस कॉन्फ्रेंस में दुनिया भर के 70 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कॉन्फ्रेंस में भारत के राज्यवार कॉफी उपभोक्ताओं की संख्या बताई जा सकती है। कॉन्फ्रेंस को लंदन का इंटरनेशनल कॉफी ऑर्गेनाइजेशन कराता है।

फैक्ट फाइल

  • भारत में हर साल 3.8 लाख टन कॉफी का उत्पादन होता है।
  • इसमें 75 फीसदी करीब 50 देशों को निर्यात होती है।
  • लगभग 1 लाख से ज्यादा उपभोक्ता भारत में हैं और हर साल से 3 से 4 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं।
  • पिछले साल भारत ने 1.11 अरब डॉलर की कॉफी 50 देशों को निर्यात की।
  • भारत अरेबिक और रोबस्टा कॉफी बीन्स का निर्यात करता है।

(इनपुट-नरेश भगोरिया)

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