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12 राज्यों के टोल प्लाजा पर 120 करोड़ रुपए का घोटाला, सॉफ्टवेयर से बनाते थे फर्जी रसीद, 3 अरेस्ट

मिर्जापुर। यूपी एसटीएफ की लखनऊ ब्रांच ने एनएचएआई के टोल प्लाजा पर टैक्स वसूली में हो रहा 120 करोड़ का घोटाला उजागर किया है। एसटीएफ टीम ने इस संबंध में मंगलवार-बुधवार सुबह 3.50 बजे यूपी के मिर्जापुर जिले के अतरैला टोल प्लाजा पर छापेमारी की और 3 लोगों को गिरफ्तार किया।

पर्सनल अकाउंट में ले रहे थे पैसा

आरोपियों ने टोल प्लाजा पर लगे एनएचएआई के कंप्यूटर में अपना सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर रखा था। इसके जरिए टोल प्लाजा से बिना फास्टैग के गुजरने वाले वाहनों को फ्री दिखाकर उनसे वसूला गया पैसा पर्सनल अकाउंट में ले रहे थे। अकेले अतरैला टोल प्लाजा पर 2 साल से हर दिन करीब 45 हजार रुपए की धांधली की जा रही थी। ज्ञात हो कि जिस सॉफ्टवेयर के माध्यम से घोटाला किया गया, उसका इस्तेमाल यूपी-राजस्थान और मप्र समेत 12 राज्यों के 42 टोल प्लाजा पर हो रहा था। इसमें मप्र के चिकली टोल प्लाजा, जंगाबानी टोल प्लाजा, मोहतारा टोल प्लाजा, शालीबाड़ा टोल प्लाजा, शहडोल टोल प्लाजा और गहरा टोल प्लाजा शामिल हैं।

जौनपुर के आलोक ने बनाया सॉफ्टवेयर

एएसपी आपरेशन ओपी सिंह के अनुसार, जौनपुर का आलोक सिंह सॉफ्टवेयर का निर्माता है। वह लंबे समय से वाराणसी में रहकर गड़बड़ी कर रहा था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके अलावा प्रयागराज के राजीव कुमार मिश्र और मप्र के मझौली के रहने वाले मनीष मिश्रा को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की पूछताछ से पता चला है कि फर्जीवाड़े की जानकारी एनएचएआई के अफसरों को भी थी, लेकिन वे कुछ नहीं कर रहे थे।

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