इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर कलेक्ट्रेट में घोटाला : 22 खातों में ट्रांसफर किए साढ़े 5 करोड़ रुपए; लेखा बाबू पर आज दर्ज हो सकती है FIR!

इंदौर कलेक्टर का बाबू मिलाप चौहान जिसके कारनामों की परत रोजाना एक-एक करके खुल रही है। लगभग 7 करोड़ की राशि में से साढ़े 5 करोड़ रुपए कलेक्टर बाबू ने 22 खातों में ट्रांसफर किए हैं। इस मामले में अन्य दो कर्मचारी गबन के मामले में लिप्त पाए गए हैं। कलेक्टर के बाबू मिलाप द्वारा एक फार्म हाउस भी खरीदा गया था, जहां पर लड़कियों के शौकीन इस रंगीले बाबू मिलाप चौहान ने 70 लाख रुपए से अधिक इन कॉल गर्ल्स पर उड़ाए।

पत्नी और रिश्तेदारों के नाम पर खुलवाए थे खाते

जानकारी के अनुसार यह सभी खाते पत्नी, परिवार और कई रिश्तेदारों के नाम से खुलवाए गए थे। इन खातों में सरकारी राशि ट्रांसफर की गई, यहां तक कि कोविड-19 के समय मुआवजे का रुपया और किसानों की आई मुआवजा राशि को भी बाबू मिलाप चौहान ने इन खातों में ट्रांसफर किया।

जांच अधिकारी राजेंद्र राठौर को इस मामले की पूरी जानकारी सौंपी गई है। अभी तक लगभग साढ़े 5 करोड रुपए के ट्रांजैक्शन की जानकारी मिली है। यहां तक कि अपर कलेक्टर राजेश राठौर सुबह साढ़े 4 बजे तक पूरे मामले की जांच कर रहे थे। मिलाप चौहान द्वारा जिन भी व्यक्तियों के खातों में पैसा ट्रांसफर किए गए हैं, वह चाहे कलेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी हों, उन्हें भी बुलाकर पूछताछ की जा रही है। मिलाप चौहान द्वारा गोवा, मुंबई व कई जगह हवाई यात्रा की गई है। जिसका ब्यौरा भी कलेक्टर शाखा को मिला है।

इंदौर कलेक्टर ने बनाई जांच कमेटी

इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने एक कमेटी बनाई है। अपर कलेक्टर राजेश राठौर इस मामले में लीड कर रहे हैं। लेखापाल के सभी ट्रांजैक्शन की भी जांच की जा रही है। आरोपी अकाउंटेंट मिलाप चौहान के खिलाफ जल्द एफआईआर भी दर्ज हो जाएगी। कलेक्टर की जांच कमेटी साक्ष्य जुटाने में जुटी हुई है और यह राशि कहां से आई थी और किस खाते से गई है। अब जांच के बाद ही पूरी कहानी साफ हो पाएगी। इसके बाद ही इंदौर कलेक्टर मिलाप चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।

ऐसे हुआ खुलासा

जानकारी के अनुसार, लेखा विभाग के अधिकारी कुछ दिन पहले ही शाखा का निरीक्षण करने आए थे। इस दौरान जिला कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ मिलाप चौहान ने मनीषा बाई और एक्सट्रीम सॉल्यूशन वेंडर के रूप में स्वयं का खाता दिखा दिया। कार्यालय से होने वाले भुगतान इन दोनों खातों में हो गए।

इंदौर कलेक्टर ने बताया कि 3 वर्षों में धीरे-धीरे लेखापाल ने एक करोड़ रुपए अपनी पत्नी के खाते में डलवा दिए। इस मामले में बाबू को सस्पेंड करने के बाद इंदौर कलेक्टर एफआईआर भी दर्ज करवा सकते हैं। वर्ष 2020 से लेखापाल द्वारा यह गड़बड़ी की जा रही थी, लेकिन इस दौरान किसी ने नहीं पकड़ी। औचक निरीक्षण में पूरे मामले का खुलासा हुआ।

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