भोपालमध्य प्रदेश

करीला मेले में पहुंचीं साधना सिंह चौहान: रंगपंचमी पर किए मां जानकी के दर्शन, प्रदेश की खुशहाली के लिए की कामना

मप्र के अशोकनगर जिले में रंगपंचमी के मौके पर लगने वाले करीला मेला में मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान ने पहुंचीं। उन्होंने मां जानकी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और प्रदेश वासियों की खुशहाली की कामना की। साधना सिंह करीब आधा घंटा मंदिर में रुकीं।

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विधायक और सांसद की धर्मपत्नी भी थी साथ

साधना सिंह चौहान भोपाल से विदिशा, बंगलाचौराहा, मोलाडेम पहुंचीं, यहां पर राज्यमंत्री ब्रजेन्द्र सिंह, कलेक्टर आर उमा महेश्वरी, एसपी रघुवंश सिंह भदौरिया ने उनकी अगुवानी की। साधना सिंह के साथ हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा की धर्मपत्नी संगीता शर्मा, सांसद डॉ. केपी यादव की धर्मपत्नी डॉ. अनुराधा यादव, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष ज्ञानेश्वरी सक्सेना भी साथ में थीं। साधना सिंह ने जानकी माता के दर्शन किए एवं पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

रंगपंचमी पर खुलते हैं इस गुफा के कपाट

करीला में स्थित आदिकवि महर्षि वाल्मीकि का आश्रम था। वर्तमान में यहां पर एक गुफा है जिसे महर्षि वाल्मीकि की गुफा कहा जाता है। इस गुफा के कपाट साल में एक बार रंगपंचमी पर खुलते हैं। इसमें लव-कुश और महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। इस मंदिर से जुड़ी और एक खास बात ये है कि जिसकी मन्नत पूरी हो जाती है, वो यहां बधाई और राई नृत्य करवाता है।

करीला मेला में राई नृत्य किया गया।

लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

करीला मेला की शुरूआत सुबह ललितपुर गांव से आई ध्वजा मां को अर्पित करने के साथ हुई। करीला में शाम तक करीब 15 लाख श्रद्धालुओं ने माता जानकी के दर्शन किए। राई नृत्य के लिए यहां करीब एक हजार नृत्यांगनाएं मौजूद थीं जिन्होंने माता के दरबार में मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालुओं के आग्रह पर राई नृत्य किया।

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3 दिवसीय मेले में आते हैं लाखों लोग

हर साल करीला में तीन दिवसीय मेला लगता है। इस मेले में लाखों लोग अपनी मुरादें लेकर आते हैं। मान्यता है कि नि:संतान दंपत्ति अगर इस मंदिर में संतान के लिए प्रार्थना करें तो उसकी इच्छा जल्दी ही पूरी हो जाती है। मनोकामना पूरी होने पर मंदिर में राई नृत्य करवाया जाता है या फिर जो महिलाएं नृत्य करती हैं उन्हें न्यौछावर देनी पड़ती है। वहीं अनुमान है कि इस बार करीब 20 से 25 लाख श्रद्धालु करीला में पहुंचेंगे।

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