अंतर्राष्ट्रीयताजा खबर

Brazil Flood : ब्राजील में भारी बारिश और बाढ़ से तबाही, मरने वालों की संख्या 58 के पार, हजारों लोग बेघर

साओ पाउलो। ब्राजील के दक्षिणी में भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन के कारण तबाही मची हुई है। इसका सबसे ज्यादा असर दक्षिणी राज्य रियो ग्रांडे डो सुल में देखने को मिल रहा है। यहां भारी बारिश के कारण कई जगहों की सड़कें बुरी तरह से धस गई है। नागरिक सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक, यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 58 हो गई है, जबकि 67 लापता हैं। अब तक 32,900 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है और कम से कम 3,56,000 लोग बिजली के बिना हैं।

राजधानी पोर्टो एलेग्रे पानी में डूबी

एजेंसी ने कहा कि राज्य में लगभग एक सप्ताह से हो रही भारी बारिश ने अब तक 281 नगर पालिकाओं को प्रभावित किया है। नदियां ऊफान पर हैं और राज्य की राजधानी पोर्टो एलेग्रे लगभग पानी में डूब गई है। राज्य के गवर्नर एडुआर्डो लेइट ने कहा, ‘आने वाले दिनों में ये संख्या बदल सकती है, क्योंकि हम घटनास्थल पर पहुंचेंगे और अन्य खोए हुए लोगों का पता लगाएंगे।’

राष्ट्रपति ने सहायता के लिए दिया कार्यालय खोलने का आदेश

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने बचाव अभियान में सहायता के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय बल, एक विशिष्ट पुलिस बल के 100 सदस्यों को भेजने के बाद, तकनीकी और वित्तीय सहायता की सुविधा के लिए पोर्टो एलेग्रे में एक आपातकालीन कार्यालय खोलने का आदेश दिया।

उल्लेखनीय है कि रियो ग्रांडे डो सुल दक्षिणी कॉमन मार्केट (मर्कोसुर) का एक प्रमुख केंद्र है और ब्राजील में चावल, सोयाबीन और मांस के मुख्य उत्पादकों में से एक है, जिसकी अर्थव्यवस्था मौसम के कारण एक सप्ताह से अस्त-व्यस्त हो गई है।

ये 1941 की ऐतिहासिक बाढ़ से भी भीषण

यह एक साल में चौथी ऐसी पर्यावरणीय आपदा है। इससे पहले 2023 में जुलाई, सितंबर और नवंबर में भी बाढ़ आई थी जिनमें कुल 75 लोग मारे गए थे। ब्राजीलियाई भूवैज्ञानिक सेवा के अनुसार, राज्य में आई बाढ़ 1941 की ऐतिहासिक बाढ़ से भी भीषण है। बताया कि बाढ़ के कारण पूरे राज्य में विद्युत आपूर्ति, संचार सेवा और जल आपूर्ति बाधित हो गई है।

जलवायु परिवर्तन का असर

जानकारों का मानना है ब्राजील में बाढ़ और मिट्टी का खिसकना अब एक पैर्टन का हिस्सा बन गए हैं। उनकी मानें तो इसके पीछे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है। वहीं ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से मदद का वादा किया है। साथ ही उन्होंने बाढ़-बारिश के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं ब्राजील के मौसम विभाग ने भी कहा है कि बारिश की बढ़ती तीव्रता के लिए अल-नीनो जिम्मेदार है।

संबंधित खबरें...

Back to top button