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राजीव गांधी फाउंडेशन का लाइसेंस रद्द, विदेशी फंडिंग के आरोप में हुई कार्रवाई

केंद्र सरकार ने रविवार को गांधी परिवार से जुड़े एक गैर सरकारी संगठन पर बड़ी कार्रवाई की है। गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरोप है कि राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajiv Gandhi Foundation) ने फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का उलंघन किया है।

जांच के बाद गृह मंत्रालय ने की कार्रवाई

एक अधिकारी ने कहा कि जुलाई 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा गठित एक मंत्रालय समिति द्वारा की गई जांच के आधार पर यह फैसला किया गया है। जांच में पता चला है कि नियमों को ताक पर रखकर फाउंडेशन ने पड़ोसी देश चीन से फंड लिया। गृह मंत्रालय इस मामले की जांच लंबे समय से कर रहा था। जांच में राजीव गांधी फाउंडेशन के गलत पाए जाने पर गृह मंत्रालय के विदेश विभाग ने यह कार्रवाई की है।

राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं सोनिया गांधी

वर्तमान में राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इसके अलावा राजीव गांधी फाउंडेशन के अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं।

1991 में हुई फाउंडेशन की स्थापना

राजीव गांधी फाउंडेशन का गठन साल 1991 में किया गया था। इस फाउंडेशन में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए 2020 से इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी गठित की गई थी। इसमें ईडी के सीनियर अधिकारी भी थे। दो दिन पहले ही कमेटी ने जांच रिपोर्ट सबमिट की थी।

छह महीने के लिए अपडेट किया गया था लाइसेंस

1991 में स्थापित इस फाउंडेशन ने 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया। 2010 में फाउंडेशन ने आगे शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला लिया और इसके लिए वेबसाइट बनाई। फाउंडेशन के एक करीबी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि फाउंडेशन का एफसीआरए लाइसेंस 2020 से तीन से छह महीने की छोटी अवधि के लिए अपडेट किया गया था।

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