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भगवान राम ने जहां बैठकर समुद्र से मांगा था रास्ता और वानर सेना के साथ किया था राम-सेतु का निर्माण, वहीं पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी

चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले देशभर में भगवान राम से जुड़े मंदिरों और तीर्थस्थलों के दर्शन कर रहे हैं। पीएम मोदी रविवार को तामिलनाडु के धनुषकोडी पहुंचे और अरिचल मुनाई बिंदु पर समुद्र की पूजा की। यही वो जगह है जहां राम ने समुद्र से लंका जाने के लिए रास्ता मांगा था। इसके बाद राम जी की वानर सेना ने यहीं से राम सेतु की शुरूआत की थी। मोदी ने समुद्रत तट पर लंबा समय बिताया और फूलों के जरिए प्रभु राम की अर्चना की।

इसके बाद पीएम मोदी कोठंडारामस्वामी मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। यह रामेश्वरम में स्थित है जिसका अर्थ है “धनुषधारी राम”। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां पर ही विभीषण और भगवान राम की पहली मुलाकात हुई थी। इस मंदिर की दीवारों पर रामायण की एक हजार साल पुरानी कई घटनाओं की पेंटिंग्स भी बनी हुई हैं। यहां राम को धनुष (कोथंडम) के रूप में दिखाया गया है, जिस वजह से मंदिर का नाम कोठंडारामस्वामी पड़ा है। मोदी यहां तकरीबन बीस मिनट तक रहे और

राम से जुड़े स्थानों का तीर्थाटन कर रहे मोदी

मोदी इससे इससे पहले महाराष्ट्र के पंचवटी स्थित कालाराम मंदिर पहुंचे थे। यह वहीं जगह है जहां भगवान राम ने माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास का अधिकांश समय बिताया था। यहीं से रावण ने माता सीता का हरण किया था। इसके साथ ही 16 जनवरी को पीएम मोदी आंध्रप्रदेश के लेपाक्षि स्थित वीरभद्र मंदिर गए थे। यह वह पौराणिक स्थान माना जाता है जहां रावण द्वारा माता सीता के अपहरण के दौरान जटायु ने लंकापति से युद्ध किया था। इससे पहले पीएम मोदी भगवान रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा अर्चना की है और परिसर के भीतर 22 तीर्थों में डुबकी लगाई। देखें वीडियो

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