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Parliament Monsoon Session : बदलेंगे अंग्रेजों के जमाने के 3 कानून- IPC, CrPC व एविडेंस एक्ट में बदलाव; अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया बिल

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चल रहे मानसून सत्र के आखिरी दिन कानून संबंधित तीन विधेयक पेश किए। जिसमें भारतीय न्याय संहिता 2023 बिल, भारती नागरिक सुरक्षा सहिंता, 2023 बिल और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बिल शामिल हैं। शाह ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक पर कहा कि 1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। तीन कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा।

इसके साथ ही अमित शाह ने आगे कहा कि इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना है। इसीलिए, हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं कि जिन धाराओं में 7 साल या उससे अधिक जेल की सजा का प्रावधान है, उन सभी मामलों में फॉरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा। इस कानून के तहत हम राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त कर रहे हैं। लोकसभा में हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दी गई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन

  • अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार अंग्रेजों के जमाने के कुछ कानूनों में संशोधन करने जा रही है। इसके लिए सरकार दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक 2023 लाएगी। लोकसभा में जानकारी देते हुए अमित शाह ने कहा कि- आज मैं जो तीन विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, वे सभी पीएम मोदी के पांच प्रणों में से एक को पूरा करने वाले हैं। इन तीन विधेयक में एक है इंडियन पीनल कोड, एक है क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, तीसरा है इंडियन एविडेंस कोड।
  • इंडियन पीनल कोड 1860 की जगह, अब ‘भारतीय न्याय संहिता 2023’ होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023’ प्रस्थापित होगा। और इंडियन एविडेंट एक्ट, 1872 की जगह ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ प्रस्थापित होगा।’
  • हमने एक बहुत ऐतिहासिक फैसला किया है, वो है अनुपस्थिति में ट्रायल। कई केसों में दाऊद इब्राहिम वांटेड है, वो देश छोड़कर भाग गया, लेकिन उसपर ट्रायल नहीं चल सकता।
  • आज हमने तय किया है कि सेशन कोर्ट के जज Due Procedure के बाद जिसको भगोड़ा घोषित करेंगे, उसकी अनुपस्थिति में ट्रायल होगी और उसको सजा भी सुनाई जाएगी।
  • महिलाओं के प्रति अपराध और सामाजिक समस्याओं के निपटान के लिए हमनें ढेर सारे प्रावधान किए हैं। गैंग रेप के सभी मामलों में 20 वर्ष की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है, 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के मामले में मृत्युदंड का प्रावधान भी किया गया है।

राज्यसभा से राघव चड्ढा निलंबित

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित कर दिया है। बता दें कि राघव तब तक निलंबित रहेंगे जब तक परिषद को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट नहीं मिल जाती है।

अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के खिलाफ विपक्ष का प्रदर्शन

लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों के I.N.D.I.A. गठबंधन के सांसदों ने लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया और संसद में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा तक मार्च किया।

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