भोपालमध्य प्रदेश

शिवराज मामा की पाठशाला… CM ने बच्चों को सुनाई तिरंगे के सफर की कहानी

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को टीचर बनकर बच्चों के बीच पहुंचे और उन्हें इतिहास पढ़ाया। सीएम ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत राजधानी भोपाल के मॉडल स्कूल में बच्चों को तिरंगें की जानकारी दी और बच्चों से संवाद भी किया। सीएम आज शिक्षक बन गए। बता दें कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देशभर में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। वहीं, एमपी में यात्रा को सफल बनाने के लिए सीएम शिवराज पूरी तरह से तैयार नजर आ रहे हैं।

सीएम शिवराज ने मॉडल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

बच्चों को तिरंगे के सफर की कहानी सुनाई

सीएम शिवराज ने आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान हर घर तिरंगा अभियान के तहत बच्चों को तिरंगे के सफर की कहानी सुनाई। उन्हें बताया कि तिरंगा मौजूदा स्वरूप में कैसे पहुंचा। 1906 से 1947 तक तिरंगे की यात्रा कैसी रही।

सीएम शिवराज ने बच्चों की क्लास ली

  • सीएम शिवराज ने कहा कि अपना भारत देश अत्यंत प्राचीन व महान राष्ट्र है। पांच हजार साल से ज्यादा का ज्ञात इतिहास है हमारा। जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था, तब हमारे देश में वेदों की ऋचाएं रच दी गई थी। गौरवशाली इतिहास है हमारा, जिस पर हमें गर्व है।
  • देश को आजाद कराने में अनेक क्रांतिकारियों ने संघर्ष किया। एक तरफ महात्मा गांधी जी ने सत्य और अहिंसा का अस्त्र दिया तो वहीं दूसरी तरफ क्रांतिकारियों की एक श्रृंखला हुई। जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया।

  • सन 1857 में पहला स्वतंत्रता संग्राम प्रारंभ हुआ और इसे अमर क्रांतिकारी मंगल पांडे ने शुरू किया। नाना साहेब पेशवा, तात्या टोपे, महारानी लक्ष्मी बाई, बहादुर शाह जफर, अमर शहीद कुंवर सिंह सहित अनेकों राजाओं, क्रांतिकारियों ने देश की आजादी का संकल्प लिया।
  • ये माना जाता है कि भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को कोलकाता के ग्रीन पार्क में फहराया गया था। इसमें लाल पीले और हरे रंग की तीन पत्नियां थी जिनके बीच में ‘वंदे मातरम्’ लिखा हुआ था, मतलब वंदे मातरम भारत की आजादी का मूल मंत्र था।
  • 1917 में लोकमान्य तिलक एवं श्रीमती एनी बेसेंट के नेतृत्व में होमरूल आंदोलन चल रहा था। इसका मतलब था कि ब्रिटिश गवर्नमेंट के अंतर्गत स्वशासन का अधिकार भारत को मिले। होमरूल आंदोलन के प्रमुख भाग के रूप में एक नया झंडा अपनाया गया था।

  • तक्षशिला व नालंदा जैसे विश्वविद्यालय हमारे यहां थे। यहां पढ़ने दुनिया के अनेक देशों के विद्यार्थी आया करते थे। अनेक विदेशी यात्रियों ने इसे इतिहास में लिखा है। हमारे ग्रंथ दुनिया के कई देशों में गए। तब हम राज्यों में अलग-अलग बंटे हुए होते थे लेकिन सांस्कृतिक रूप से भारत एक था।
  • आजादी का 75वां वर्ष है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैभव शाली, गौरवशाली,संपन्न और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं। आज भारत का मान-सम्मान पूरी दुनिया में है। पीएम मोदी ने आह्वान किया है कि आजादी के अमृत महोत्सव को उत्साहपूर्वक मनाएं और हर घर तिरंगा फहराएं।

  • तिरंगा फहराते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सम्मानपूर्ण स्थान पर तिरंगा फहराया जाए। नए प्रावधान के तहत अब देश के नागरिकों द्वारा हर घर तिरंगा झंडा दिन के साथ रात में भी फहराया जा सकता है। सूर्यास्त के समय झंडा उतारना अनिवार्य नहीं है।
  • 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा फहराया जाएगा। जब तिरंगा फहराएं तो उत्साह, आनंद और स्फूर्ति के साथ फहराना है। जब झंडा उतारें तो धीरे-धीरे आदर व सम्मान के साथ उतारें। जब बिगुल की आवाज के साथ झंडा फहराएं तो बिगुल की आवाज के साथ ही झंडा उतारें।

बच्चों मामा आपके टीचर हैं

बच्चों की क्लास से पहले सीएम शिवराज ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बच्चों, शिवराज मामा आज आपके टीचर हैं। आजादी की लड़ाई में सभी भारतवासियों ने अभूतपूर्व योगदान दिया, कड़ा संघर्ष किया, जिसका सुफल स्वतंत्रता के रूप में मिला। क्या आप तिरंगे व महान क्रांतिकारियों के विषय में रोचक बातें जानना चाहते हैं ? तो आज मामा की कक्षा में आना मत चूकियेगा।

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