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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार ने डॉ. सिंह के परिवार को कुछ स्थान सुझाए हैं, जिनमें से एक का चयन करने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। संभावना है कि स्मारक गांधी-नेहरू परिवार की समाधियों के पास बनाया जाएगा। इसके लिए शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने राजघाट और आसपास का दौरा किया है। स्मारक के लिए एक से डेढ़ एकड़ जमीन आवंटित की जा सकती है। नई नीति के तहत, जमीन केवल किसी ट्रस्ट को ही दी जा सकती है। इसलिए पहले ट्रस्ट का गठन करना आवश्यक होगा, और आवेदन भी ट्रस्ट की ओर से किया जाएगा।
खड़गे ने लिखा मोदी-शाह को पत्र
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 27 दिसंबर की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। उन्होंने अनुरोध किया था कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार जहां हो, वहीं उनका स्मारक बनाया जाए। हालांकि, गृह मंत्रालय ने उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाया, जिस पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई और इसे पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान बताया।
साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार को पत्र लिखकर एक स्पेशल मेमोरियल बनाने की भी मांग रखी है। केंद्रीय सरकार इसे मंजूर कर चुकी है, लेकिन इसकी प्रक्रिया में समय लग सकता है। इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन करना होगा।
जमीन अलॉट कर दी गई है- बीजेपी
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 28 दिसंबर को पत्र का जवाब दिया। आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जमीन आवंटित कर दी गई है। साथ ही इसके बारे में उनके परिवार को भी जानकारी दे दी गई है। हालांकि, नड्डा ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह जमीन कहां पर दी गई है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी बोले- कांग्रेस झूठ फैला रही
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के मामले को दोनों पार्टियों ने राजनीति में बदल दिया है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह पूर्व प्रधान मंत्री थे। उनका जैसा सम्मान होना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ।
मामले में 29 दिसंबर को शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा- डॉ. मनमोहन सिंह जी के स्मारक को लेकर कांग्रेस सरेआम झूठ फैला रही है। दिल्ली में एकता स्थल है। यहां 9 में से 7 स्थल पर पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति के स्मारक बन चुके हैं।