भोपालमध्य प्रदेश

मप्र विधानसभा का शीत सत्र कल से, विधानसभा अध्यक्ष बोले- हम चर्चा के लिए 15 घंटे समय बढ़ाने को तैयार

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र कल यानी 19 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहा है। इससे पहले रविवार को  विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शाम को इस बैठक का एक फोटो भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर श्री गिरिश गौतम जी की अध्यक्षता में विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पूर्व हो रही सर्वदलीय बैठक में शामिल हो रहा हूं। इससे पहले पत्रकारों से बताचीत में मिश्रा ने कहा- विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है।

सिर्फ गिनती के लिए नहीं बढ़ाएंगे अवधि

इस बार विधानसभा का सत्र पांच दिवसीय है। इसमें पांच बैठकें होंगी। प्रश्नकाल,शून्यकाल और ध्यानाकर्षण के जरिए सभी विधायक जनहित के मुद्दे उठा सकेंगे। इस सत्र में द्वितीय अनुपूरक बजट भी पेश होगा। सर्वदलीय बैठक से पहले पीपुल्स अपडेट से बात करते हुए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा- कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी सूचना दी गई है। इस बार भी विधानसभा सत्र के दौरान नवाचार के प्रयास होंगे। विपक्ष द्वारा विधानसभा सत्र छोटा होने के आरोप पर गौतम ने साफ कहा कि यदि वे काम करना चाहते हैं तो हम 5 दिनों में 3 घंटे अतिरिक्त समय देने को तैयार हैं। केवल गिनती के लिए सत्र की अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी। स्पीकर ने कहा कि जब विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी तो फिर अवधि बढ़ाने का मतलब नहीं है।

विधायकों पर कार्रवाई जवाब के बाद

दो भाजपा के और एक कांग्रेस विधायक को लेकर कोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों पर विधानसभा स्पीकर ने कहा कि तीनों विधायकों की परिस्थितियां अलग-अलग हैं। तीनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। विधानसभा ने सुमावली विधायक अजब सिंह कुशवाह को सजा सुनाए जाने के बाद उनके वेतन-भत्ते रोक दिए हैं।वहीं राहुल लोधी और जजपाल जज्जी को नोटिस जारी किए गए हैं। दोनों विधायकों की तरफ से जवाब आने के बाद आगे कार्रवाई होगी।

सत्र में हंगामे के आसार

विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस बार फिर हंगामे के आसार हैं। विधायकों ने इस सत्र में सरकार से 1,600 से ज्यादा सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देकर माहौल को गरमा दिया है। अब देखना ये है कि यह सत्र अपनी निर्धारित अवधि पूरा करता है या फिर हंगामें की भेंट चढ़कर जल्दी समाप्त होता है।

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