
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान जबरदस्त हंगामा हुआ। दरअसल, कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने चर्चा के दौरान कुछ सवाल उठाए, जिन पर सत्तापक्ष के विधायकों ने आपत्ति की। जीतू के सवालों पर आपत्ति जताते हुए हंगामा शुरू हुआ तो सदन को तीन बार कुछ देरी के लिए स्थगित करना पड़ा। लेकिन मामला ठंडा नहीं हुआ। भाजपा ने जीतू के सवालों को झूठ का पुलिंदा बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद जीतू पटवारी को बजट सत्र के लिए विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया।
उधर, जीतू के निलंबन को लेकर कांग्रेस भी हमलावर हो गई। कांग्रेस विधायकों ने सदन से बाहर आकर विधानसभा अध्यक्ष और सीएम शिवराज सिंह चौहान के विरोध में जमकर नारेबाजी की। शिवराज तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी जैसे नारे पूरी विधानसभा में गूंजे। कांग्रेस ने कहा- स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा- यह तरीका अलोकतांत्रिक है और विधानसभा अध्यक्ष को जीतू पटवारी के निलंबन पर पुनर्विचार करना चाहिए। उधर, नेता प्रतिपक्ष ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। डाॅ.गोविंद सिंह ने कहा कि गलती भाजपा करे और माफी जीतू पटवारी मांगे, यह तरीका ठीक नहीं है। कांग्रेस आगे की रणनीति के लिए विधायकों के साथ बैठक कर रही है।
यहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, विधानसभा में राज्यपाल के कृतज्ञता ज्ञापन के दौरान जीतू ने कहा सरकार पर आरोपों की बौछार कर दी। उन्होंने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को सरकारी पैसे से खाना खिलाने के आरोप लगाए। जीतू ने कहा- जामनगर में रिलायंस के चिड़ियाघर के लिए मध्यप्रदेश से टाइगर, तेंदुए और लोमड़ी जैसे प्राणी भेजे। उसके बदले छिपकली और तोते लिए। सत्ता पक्ष ने कहा- इसका प्रमाण दें। जीतू ने कहा- मैं जो बातें कर रहा हूं, विधानसभा के प्रश्नोत्तर के आधार पर कर रहा हूं। जवाब में जीतू ने जो दस्तावेज पटल पर रखे, उस पर अध्यक्ष ने पाया कि जवाब संतोषजनक नहीं हैं। इसके बाद जीतू को सत्र से सस्पेंड कर दिया गया।