भोपालमध्य प्रदेश

पन्ना टाइगर रिजर्व में प्रवासी गिद्धों की रेडियो टैगिंग शुरू, जीवन चक्र समेत प्रवास के मार्ग की मिलेगी जानकारी

मप्र के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की टैगिंग के बाद अब गिद्धों की टैगिंग का काम शुरू हो गया है। पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क प्रशासन का कहना है कि यह देश में प्रवासी गिद्धों की पहली रेडियो टैगिंग है। रिजर्व के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की मदद से टैग लगाया जाएगा। फिलहाल 25 गिद्धों की रेडियो टैगिंग की जाएगी।

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25 गिद्धों की होगी रेडियो टैगिंग

पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि अभी 25 गिद्धों का रेडियो टैगिंग किया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार से अनुमति मिल चुकी है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य गिद्धों के प्रवास का तरीका और उनके यात्रा मार्ग को जानना है।उन्होंने बताया कि रेडियो टैगिंग के बाद गिद्धों के रहवास, प्रवास के मार्ग और पन्ना लैंड स्केप में उनकी उपस्थिति आदि की जानकारी मिलती रहेगी।

पहले की थी 3 गिद्धों की रेडियो टैगिंग

क्षेत्र संचालक ने बताया कि पूर्व में रिजर्व पार्क में तीन गिद्धों की रेडियो टैगिंग की गई थी। इनमें एक रेड हेडेड (लाल सिर) और दो गिद्ध इंडियन हैं। अब करीब एक वर्ष की कोशिशों के बाद बुधवार (9 फरवरी) को शाम पन्ना टाइगर क्षेत्र के गहरी घाट झालर घास मैदान में यूरेशियन ग्रिफिन गिद्ध टीम के हाथ आए। इनकी रेडियो टैगिंग की गई। संचालक ने बताया कि संभवत: देश में प्रवासी गिद्धों की यह पहली रेडियो टैगिंग है।

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5 गिद्धों की रेडियो टैगिंग की गई

रेडियो टैगिंग से लैस किए गए यूरेशियन ग्रिफिन गिद्ध का वजन 7.820 किलोग्राम है। पन्ना टाइगर संचालक ने बताया कि पहनाए जा रहे रेडियो टैगिंग का वजन सोलर चार्जर समेत कुल 90 ग्राम है। रेडियो टैगिंग के बाद गिद्ध को झालर मैदान में ही छोड़ दिया गया। इसके बाद शुक्रवार को 11 फरवरी को इसी मैदान में ही 5 और गिद्धों की रेडियो टैगिंग की गई। इसमें एक हिमालयन ग्रिफिंग गिद्ध है। यह प्रवासी गिद्ध है। अन्य चार गिद्ध रेड हेडेड हैं। टैगिंग के समय क्षेत्र संचालक सहित वन्य जीव संस्थान देहरादून के पक्षी विशेषज्ञ और रिजर्व पार्क के कर्मचारी मौजूद रहे।

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