Shivani Gupta
18 Sep 2025
राजीव सोनी-भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए सभी 230 विधानसभाओं में तैनात भाजपा के विस्तारकों की चुनावी रिपोर्ट से कई नेताओं की नींद उड़ी हुई है। लोकसभा चुनाव में करीब 3 महीने तक इन्हें मैदानी मोर्चे पर भेजा गया था। रिपोर्ट में ग्वालियर चंबल और विंध्य अंचल के नेताओं से भरपूर सहयोग न मिलने का जिक्र है। इनके अलावा कतिपय अन्य सीटों की मैदानी हकीकत भी बयान की गई है। कतिपय विस्तारकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके क्षेत्र में मंत्री और विधायकों ने 10 फीसदी वोट शेयर और मतदान प्रतिशत को बढ़ाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। जनप्रतिनिधि भी उम्मीद पर खरे नहीं उतरे। उनका रवैया भी चुनाव में निराशाजनक रहा।
विस्तारकों ने बताया कि दूसरे चरण में मतदान कम होने की मुख्य वजह यह रही कि जिन क्षेत्रों में कांग्रेस के नेता भाजपा में शामिल हुए वहां पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं ने निष्क्रियता दिखाई। भाजपा के कार्यकर्ता इसलिए भी नाराज दिखे कि उनके राजनीतिक दुश्मनों को पार्टी में शामिल करने के पहले उनकी सहमति भी नहीं ली गई।
पहले- दूसरे चरण का मतदान गिरने पर पार्टी हाईकमान ने चिंता जताई। ताबड़तोड़ ढंग से बाकी क्षेत्रों में व्यवस्थाएं की गईं। इसके बाद मैदानी स्तर पर तैनात कार्यकर्ताओं और प्रबंधन की टीम को सक्रिय किया गया जिससे तीसरे-चौथे चरण के मतदान में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
भाजपा हाईकमान की ओर से उप्र के महामंत्री विजय बहादुर पाठक को मप्र में विस्तारक योजना का समन्वयक बनाकर भेजा गया था। विस्तारकों की फीडबैक रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश को भी सौंपी गई है। उन्होंने और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी विस्तारकों के कामकाज की सराहना की है।
संगठन के विस्तार और बेहतर कार्यपद्धति के लिए सभी का फीडबैक उपयोगी रहता है। चुनाव की दृष्टि से विस्तारकों की भूमिका भी अहम रही। उन्होंने अपने कार्यक्षेत्रों की जो फीडबैक रिपोर्ट दी है वह संगठन के लिए महत्वपूर्ण है। - डॉ हितेष वाजपेयी, प्रवक्ता मप्र भाजपा