इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर में वकील के ऑफिस में तोड़फोड़ का मामला : पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे अधिवक्ता, 1 घंटे इंतजार के बाद निज सचिव को सौंपा ज्ञापन

हेमंत नागले, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के एमआईजी थाना क्षेत्र में एक एडवोकेट के साथ मारपीट के बाद पुलिस द्वारा षड्यंत्र पूर्ण तरीके से जमानती धाराओं में आरोपी को छोड़ देने के बाद गुस्साए अधिवक्ता सोमवार को पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। जहां लगभग 1 घंटे इंतजार करने के बाद पुलिस कमिश्नर या कोई अधिकारी नहीं मिले तो उन्हें उनके निज सचिव को ही ज्ञापन देना पड़ा। ज्ञापन सौंपने के बाद रोज में आए अधिवक्ताओं का कहना था कि होली के 1 दिन पूर्व आरोपी राजू उर्फ बॉस असलम मोहम्मद रंगूनवाला तथा उसके भतीजा सुफियान द्वारा ऑफिस में घुसकर मारपीट की घटना की गई और उसमें मूर्ति भी तोड़ी गई। जिसके बाद आरोपी ने पुलिस को सफेदपोश दबाव में लेकर थाने से ही जमानत ले ली।

अधिवक्ताओं का कहना था कि यदि मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो आगे कठोर कदम उठाएंगे। कोर्ट के समक्ष भी आरोपी को जमानत न मिलने के लिए आवेदन लगा चुके हैं कि आरोपी को किसी भी प्रकार की रियायत नहीं दी जाए। आरोपी के मामले में अधिवक्ताओं का कहना था कि आरोपी मोहम्मद असलम रंगूनवाला पुराना भूमाफिया है, जिसके खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा रासुका की कार्रवाई लगभग पूरी कर ली गई थी। लेकिन, तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह के जाते ही वह कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। पुलिस कमिश्नर से अब वह ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कह रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

पुलिस के अनुसार, 7 मार्च को फरियादी वीरेंद्र जायसवाल द्वारा एमआईजी थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया था। शिकायत में कहा गया कि, शाम करीब 6:00 बजे सुफियान रंगूनवाला और उसके चाचा मोहम्मद असलम रंगूनवाला किसी पुराने मामले में अनुबंध करवाने आए थे। इसी दौरान आरोपियों की वीरेंद्र जायसवाल से किसी बात को लेकर बहस हो गई और दोनों आरोपियों ने उनके ऑफिस में तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी। बीच-बचाव करने पर सुफियान रंगूनवाला ने राजन कालदाते के साथ मारपीट कर दी। जिसके बाद दोनों मौके से फरार हो गए।

2 साल पहले जिला प्रशासन ने रंगून गार्डन को किया था ध्वस्त

आरोपी असलम मोहम्मद रंगूनवाला द्वारा सन्नी सोसायटी और रजत गृह निर्माण सोसायटी के 17000 वर्ग फीट जमीन को लेकर रंगून गार्डन पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के दौरान आरोपी द्वारा लगभग 100 करोड़ की जमीन पर जो अवैध कब्जा किया गया था, उसे जिला प्रशासन ने मुक्त कराया था। जिला प्रशासन द्वारा बताया गया था कि, इस जमीन पर श्री महालक्ष्मी नगर के 50 प्लाट धारकों का हित दबा था। इन प्लाटों की कीमत वर्तमान समय में 100 करोड़ रुपए थी। 12 वर्षों से रंगून गार्डन यहां बना हुआ था और बेखौफ चल रहा था। आरोपी मोहम्मद असलम रंगूनवाला और उसके भतीजे सुफियान सहित कई लोगों पर इसमें प्रकरण दर्ज हुआ था। इस मामले को लेकर हाउसिंग एंड सोसाइटी में भी एक प्रकरण चल रहा है। लेकिन रसूख के दम पर रंगून गार्डन के संचालकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

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