भोपालमध्य प्रदेश

MP Vidhansabha : हंगामेदार रहा विधानसभा सत्र का दूसरा दिन, स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव किया स्वीकार; कल होगी चर्चा

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है। सत्र के दूसरे दिन विधायकों द्वारा उठाए गए तमाम मुद्दों और सवालों पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस के शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने चर्चा में ले लिया। इस प्रस्ताव पर बुधवार को चर्चा होगी।

कांग्रेस ने विधायकों को व्हिप जारी किया

कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया। कांग्रेस ने सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है।

बिजली बिलों का एप्रन पहनकर पहुंचे कांग्रेस विधायक

कांग्रेस विधायक बिजली बिलों का एप्रन पहनकर विधानसभा पहुंचे। कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को का आरोप- न बिजली है न मीटर है फिर भी आदिवासियों के बिजली के बिल आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि बिजली के बिलों से आमजन भी परेशान है। कांग्रेस की सरकार में 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली मिलती थी, जिसे भाजपा ने बंद कर दिया था।

छिंदवाड़ा के साथ सरकार भेदभाव कर रही है : सोहन लाल

सदन में छिंदवाड़ा के परासिया से कांग्रेस विधायक सोहन लाल वाल्मीकि ने छिंदवाड़ा जिले में जनभागीदारी का पैसा न मिलने का मुद्दा उठाया। इस पर कमलनाथ ने कहा कि विधायक की बात सही है। छिंदवाड़ा जिले के साथ सरकार द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। इसके जवाब में शहरी विकास और आवास मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि सबसे ज्यादा विकास छिंदवाड़ा और जीतू पटवारी की विधानसभा में हुए हैं। सत्तापक्ष ने कमलनाथ के बयान पर हंगामा करना शुरू कर दिया।

सदन में उठा अमानक खाद्य पदार्थों की बिक्री का मुद्दा

गोविंदपुरा क्षेत्र से विधायक कृष्णा गौर ने सदन में अमानक खाद्य पदार्थों की बिक्री का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अशुद्ध और मिलावटी खाद्य सामग्री सेहत पर बुरा असर डालती है। कैंसर जैसे रोग पैदा करती है। WHO की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कृष्णा गौर ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी से पूछा कि जो पांच सैंपल पनीर के लिए गए थे, उसकी एक दिन बाद रिपोर्ट आ गई। मामला कोर्ट में भी भेजा गया। जांच में सैंपल अमानक पाए गए। इसके बावजूद इस मामले को न्यायालय में पेश नहीं किया गया। ये अधिकारियों की लापरवाही है।

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने जवाब देना शुरू किया, तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर मंत्री ने कहा- 16 के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामला कोर्ट में लंबित है। 67 मामले कोर्ट भेजे गए है। इस पर कृष्णा गौर ने कहा 11 महीने से पेंडिंग मामले को कोर्ट में क्यों पेश नहीं किया गया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- एक महीने के अंदर ये मामले कोर्ट में पेश कर दिए जाएंगे।

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