
नई दिल्ली। भारत में कोरोना के बाद अब H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। हरियाणा और कर्नाटक के बाद अब गुजरात और बिहार में मरीज मिले हैं। जबकि, गुजरात के वडोदरा शहर में पीड़ित महिला की मौत हो गई है। वहीं, पटना में एक पीड़ित महिला का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम नजर रखे हुए हैं।
दो दिन पहले अस्पताल में कराया था भर्ती
जानकारी के मुताबिक, गुजरात के वडोदरा शहर में 58 साल की महिला को दो दिन पहले सांस लेने में तकलीफ के बाद शहर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। डॉक्टरों ने H3N2 वायरस से मौत की पुष्टि की है। इसे राज्य में H3N2 से पहली मौत कहा जा रहा है।
1 मार्च को हुई थी पहली मौत
कर्नाटक के हासन के रहने वाले एक 82 वर्षीय व्यक्ति की इस वायरस से मौत की पुष्टि हुई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, मृत का नाम हीरा गौड़ा है। 24 फरवरी को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 1 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई। अब टेस्टिंग में पता चला है कि वह H3N2 वायरस से संक्रमित थे, जिसकी रिपोर्ट 6 मार्च को आई है। बताया जा रहा है कि, उन्हें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी थी।
दो महीने से लगातार बढ़ रहे मामले
पिछले दो महीने से दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और कर्नाटक समेत देश के कई हिस्सों में इन्फ्लूएंजा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। H3N2 वायरस को ‘हांगकांग फ्लू’ के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस देश में अन्य इन्फ्लुएंजा सब-वैरिएंट की तुलना में अधिक शक्तिशाली है। इससे जूझ रहे मरीजों में कोरोना जैसे ही लक्षण देखने को मिल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते कुछ दिनों में दिल्ली और आसपास के इलाकों से कई ऐसे मरीज अस्पताल पहुंचे हैं, जो 10-12 दिनों से तेज बुखार के साथ खांसी से परेशान हैं।
क्या है H3N2 इन्फ्लुएंजा
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, एच3एन2 एक ऐसा इंफ्लूएंजा वायरस है, जो आमतौर पर सूअरों से इंसानों फैलता है। इसके लक्षण मौसमी फ्लू वायरस की तरह होते हैं। इसमें बुखार, खांसी और बलगम समेत सांस संबंधी समस्या के लक्षण दिखते हैं। कुछ मरीजों को शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त सहित अन्य समस्याएं भी होती हैं।
H3N2 और COVID-19 में क्या अंतर है ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना निचले रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी श्वसन पथ को प्रभावित करता है। वहीं H3N2 ऊपरी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है। जैसे बुखार, खांसी, सर्दी, गले, नाक और आंखों में जलन का लंबे समय तक बने रहना। दरअसल, दोनों के लक्षण समान हैं और यह तेजी से फैल रहा है। इसके टेस्ट अभी केवल प्राइवेट हॉस्पिटल में ही किए जा रहे हैं। जिसकी कीमत करीब 6000 रुपए बताई जा रही है।
बच्चे और बुजुर्ग तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक इन्फ्लुएंजा के अधिकतर मरीजों में एक जैसे लक्षण हैं। जैसे खांसी, गले में संक्रमण, शरीर में दर्द, नाक से पानी आना।
मास्क के उपयोग से घटी इम्युनिटी
पल्मोनोलॉजिस्ट अनुराग अग्रवाल कहते हैं- मुझे नहीं लगता कि H3N2 की कोई बड़ी लहर आएगी। अपोलो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन विभाग में वरिष्ठ सलाहकार तरुण साहनी के मुताबिक अस्पताल में भर्ती होना बहुत आम नहीं है। सिर्फ 5 प्रतिशत मरीजों के ही अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी सामने आई है। साहनी ने कहा कि अभी घबराने की जरूरह नहीं है। बस Covid 19 के समय की तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है। विषाणुविज्ञानी उपासना रे कहती हैं कि करीब दो साल तक मास्क के इस्तेमाल की वजह से लोगों में श्वसन संबंधी समस्या से जुड़े वायरस के दूसरे वैरिएंट्स के खिलाफ रोग प्रतिरोधी क्षमता खत्म हो गई है। अशोका विश्वविद्यालय में त्रिवेणी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेस के डीन अनुराग अग्रवाल ने कहा- ‘लोगों में फ्लू के खिलाफ आम तौर पर रोग प्रतिरोधी क्षमता होती है और इसके टीके भी उपलब्ध हैं, इसलिए मुझे किसी बड़ी लहर की आशंका नहीं है, लेकिन हां, सभी संक्रमण और उनसे होने वाली मौत कुछ चिंता का कारण तो हैं।
H3N2 के लक्षण क्या हैं?
- इसके लक्षण सीजनल कफ एंड कोल्ड की तरह हैं।
- खांसी
- नाक बहना या नाक बंद होना
- गले में खराश
- सिरदर्द
- बुखार
- शरीर में दर्द
- ठंड लगना
- थकान
- सांस फूलना
- दस्त
- उल्टी