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21 दिन का आइसोलेशन, घाव को पूरी तरह से ढंकना… Monkeypox पर केंद्र की Guidelines जारी; WHO की सलाह- पार्टनर्स की संख्या कम रखें

देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी की हैं। मंकीपॉक्स संक्रमित रोगी को 21 दिन तक क्वारंटीन रहना होगा। इसके अलावा चेहरे पर मास्क पहनने के साथ-साथ हाथों की स्वच्छता, घावों को पूरी तरह से ढकना और पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में रहना होगा। इसके अलावा सरकार ने मंकीपॉक्स की जांच के लिए टेस्टिंग किट और वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर निकाला है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन:

  • मंकीपॉक्स संक्रमित रोगी को 21 दिन तक क्वारंटीन रहना होगा।
  • चेहरे पर मास्क पहनने के साथ-साथ हाथों को धोते रहें। मास्क तीन लेयर वाला पहनना चाहिए।
    अस्पताल के वार्ड में भर्ती संक्रमित रोगी या फिर संदिग्ध रोगी की किसी भी दूषित चीजों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को तब तक ड्यूटी से बाहर नहीं करना है, जब तक उनमें कोई लक्षण विकसित न हो। हालांकि, ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों की 21 दिन तक निगरानी बहुत जरूरी है।
  • घावों को पूरी तरह से ढककर रखें। पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में रहना होगा।
  • मंकीपॉक्स मरीज के संपर्क में आने, उससे शारीरिक संपर्क बनाने या फिर उसके आसपास दूषित चीजों जैसे कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने पर संक्रमण फैल सकता है। इससे बचना बहुत जरूरी है।

देश में अब तक मंकीपॉक्स के 4 केस

  • देश में अब तक मंकीपॉक्स के 4 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 3 मरीज केरल में और 1 दिल्ली में मिला है।
  • केरल में 14 जुलाई को मिला पहला मरीज दूसरे देश (यूएई) से भारत आया था। तेज बुखार और शरीर में तेज दर्द की शिकायत थी। इसके साथ ही शरीर पर छाले थे।
  • केरल में 18 जुलाई को मिला दूसरा मरीज भी दूसरे देश (दुबई) से भारत आया था। मरीज दो महीने पहले ही भारत लौट गया था, लेकिन मंकीपॉक्स के लक्षण उसमें बाद में देखने को मिले।
  • केरल में 22 जुलाई को मिला तीसरा मरीज 6 जुलाई को यूएई से लौटा था। 13 जुलाई को उसमें लक्षण दिखाई देने पर जांच की गई थी।
  • दिल्ली में मिले चौथे मरीज (उम्र 31 वर्ष) ने विदेश यात्रा नहीं की थी, लेकिन घरेलू यात्रा जरूर की थी।
  • वहीं अब तक 4 संदिग्ध केस भी सामने आ चुके हैं। सभी के सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेज दिए गए हैं। हालांकि, अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।

मरीज में ये हैं लक्षण

मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, तीन सप्ताह तक चकत्ते, गले में खराश, खांसी और सूजन लिम्फ नोड्स के साथ प्रकट होता है। लक्षणों में घाव शामिल होते हैं, जो आमतौर पर बुखार की शुरुआत के एक से तीन दिनों के भीतर शुरू होते हैं।

राज्यों की गाइडलाइन

  • बिहार सरकार ने अपनी गाइडलाइन में निर्देशित किया कि मंकीपॉक्स संक्रमितों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को हफ्तेभर से अधिक छुट्टी लेने की जरूरत नहीं है।
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने मंकीपॉक्स से निपटने के लिए कोविड अस्पतालों में न्यूनतम 10 बेड केवल मंकीपॉक्स से प्रभावित मरीजों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।
  • केंद्र सरकार के निर्देश पर सभी राज्य सरकारें मंकीपॉक्स के लिए नोडल अस्पताल या अस्पताल में डेडिकेटेड सेंटर बनाने की तैयारी कर रहे हैं।

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वैक्सीन के लिए टेंडर जारी

मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे के बीच भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है। अब सरकार ने मंकीपॉक्स की जांच करने के लिए डाइग्नोस्टिक किट्स तैयार करने और वैक्सीन बनाने के लिए Expression of Interest जारी किया है। इसे आम बोल चाल की भाषा में टेंडर कहा जाता है। इसके लिए ICMR ने कंपनियों से प्रस्ताव भी मांगे हैं। मंकीपॉक्स का वैक्सीन बनाने के लिए इच्छुक कंपनियां 10 अगस्त तक एप्लाई कर सकती हैं।

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सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं पुरुष

WHO के चीफ टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयेसस ने कहा कि इस वायरस से सबसे ज्यादा वह पुरुष प्रभावित हो रहे हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं। मंकीपॉक्स से बचने के लिए जरुरी है कि पुरुष अपने सेक्सुअल पार्टनर सीमित करें। बता दें कि ब्रिटेन में इस बीमारी के संक्रमण में गे-क्लब का बड़ा रोल रहा है।

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WHO का अलर्ट

WHO के अनुसार नजदीकी संपर्क, गले लगना, गले लगाना, चुंबन, संक्रमित बिस्तर और तौलिये का प्रयोग भी मंकीपॉक्स के फैलने का कारण बन सकता है। WHO के अनुसार मंकीपॉक्स से बचने के लिए इन एहतियात का पालन करना बेहद जरूरी है।

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6 मई को आया था पहला केस

6 मई को इंग्लैंड में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद से दुनिया में मंकीपॉक्स के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. लगभग 70 दिनों के बाद मंकीपॉक्स ने भारत में दस्तक दे दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अबतक दुनिया के 78 देशों में करीब 20 हजार लोगों के बीच मंकीपॉक्स फैल चुका है। इनमें से 70 फीसदी केस यूरोप से आए हैं, जबकि 25 फीसदी अमेरिका से हैं। संक्रमण के चलते अबतक 5 लोगों की मौत हो चुकी है।

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