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हिमाचल की मंडी पर सबकी निगाहें, कंगना ने किया चुनाव प्रचार का आगाज; पहाड़ी अंदाज में बोलीं- मैं स्टार नहीं, यहां ही बहन और बेटी हूं

मंडी (हिमाचल)। भाजपा हाईकमान से मुलाकात के बाद मंडी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और अभिनेत्री कंगना रनौत शुक्रवार को अपने गृह क्षेत्र भांवला पहुंची। इससे पहले मंडी जिला की सीमा बनोहा में कंगना का लोगों ने स्वागत किया। कंगना ने चुनाव प्रचार का आगाज भांवला से किया। इस दौरान कंगना ने रोड शो किया। उन्होंने पहाड़ी अंदाज में लोगों को कहा कि, “तुहां एड़ा नी सोचना कि कंगना कोई हिरोइन है, कंगना कोई स्टार है, तुहां एड़ा सोचना अहां री बेटी है अहां री बहन है। (आप यह मत सोचना कि कंगना कोई हीरोइन है या फिल्म स्टार है, वह आपकी बहन है और बेटी है।)

ठेठ पहाड़ी अंदाज में संवाद

इस दौरान कंगना ने ठेठ पहाड़ी अंदाज में लोगों से बात की। कंगना ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि कहा बीजेपी विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। बीते दिनों सुप्रिया श्रीनेत और कांग्रेस के चंद नेताओं द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर कहा कि कांग्रेस के बयानों का जनता उन्हें खुद दे देगी। पहली बार चुनावी मैदान में उतरी कंगना के तेवर इस बार चुनावी रंग में रंगे नजर आए। उन्होंने न सिर्फ अपने लिए वोट मांगे बल्कि विपक्ष की तरफ से प्रत्याशी बनाई गईं प्रतिभा सिंह पर भी तंज कसते हुए कहा कि उन्हें घर बैठे जाना चाहिए और युवाओं को मौका देना चाहिए।

मंडी का चुनावी लेखा जोखा

मंडी संसदीय सीट पर राजा रानियों का दबदबा रहा है, लेकिन आज भी इस चुनाव क्षेत्र से सबसे अधिक मतों से जीतने का रिकॉर्ड कांग्रेस के पंडित सुखराम और भाजपा के रामस्वरूप शर्मा के नाम पर है। एक रोचक तथ्य यह है कि इस सीट पर सबसे ज्यादा मतों से हारने का रिकॉर्ड भी पंडित सुखराम के परिवार के नाम है। 1996 में पंडित सुखराम ने 1लाख 53 हजार 223 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 के चुनाव में मोदी लहर में मंडी संसदीय सीट पर रामस्वरूप शर्मा ने दर्ज की थी।

2019 के आम चुनावों में राम स्वरूप शर्मा ने दूसरी बार लगातार जीतते हुए 4 लाख 5 हजार 459 मतों के अंतर से मैदान मारा था। उन्होंने इस चुनाव में पंडित सुखराम के पौत्र और कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा को हराया था। इस चुनाव में रामस्वरूप शर्मा को 6 लाख 47 हजार 189 मत मिले थे, जबकि आश्रय शर्मा को मात्र 2 लाख 41 हजार 730 वोट ही मिल सके। पंडित सुखराम ने 1996 के चुनाव में इसी सीट को 1 लाख 53 हजार 223 मतों से जीत दर्ज की थी।

सबसे कम वोटों से जीत प्रतिभा सिंह के नाम

मंडी संसदीय सीट से सबसे कम मतों से जीतने का रिकॉर्ड बीजेपी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और कांग्रेस की तरफ से मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह के नाम पर है। वीरभद्र सिंह 2009 में 13 हजार 997 में मतों के अंतर से जीते थे, जबकि 2021 उपचुनाव में प्रतिभा सिंह को केवल 7 हजार 490 मतों के अंतर से जीत हासिल हुई। प्रतिभा सिंह की यह जीत विरोधी भाजपा के सत्ता में होने और मंडी से ही मुख्यमंत्री होने के कारण बड़ी जरूर थी।

(इनपुट-सचिन शर्मा)

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