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31 मार्च को भारत रत्न से सम्मानित होंगे लालकृष्ण आडवाणी, राष्ट्रपति घर जाकर देंगी सम्मान; स्वास्थ्य को देखते हुए लिया गया निर्णय, PM मोदी, अमित शाह भी रहेंगे मौजूद

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के घर जाकर उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करेंगी। भाजपा के संस्थापकों में से एक रहे आडवाणी के स्वास्थ्य को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। लंबे समय से लालकृष्ण आडवाणी किसी सार्वजनिक या निजी कार्यक्रम में नहीं दिखे हैं। यहां तक कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी वे स्वास्थ्य कारणों से अयोध्या नहीं जा सके थे। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उनके घर पर ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करेंगी।

मोदी, नड्डा भी रहेंगे मौजूद

सम्मान का ये कार्यक्रम लालकृष्ण आडवाणी के दिल्ली स्थित निवास पर होगा। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे। आडवाणी 14 साल की उम्र में 1941 में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) में शामिल हुए थे। 1951 में उन्हें जनसंघ ने राजस्थान में संगठन की जिम्मेदारी सौंपी। 1967 में दिल्ली महानगरपालिका परिषद का अध्यक्ष चुने जाने के साथ उन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा।

7 दशक लंबा रहा राजनीतिक करियर

लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक जीवन 7 दशकों से भी अधिक लंबा रहा है। पिलहाल उनकी अम्र लगभग 96 साल है लेकिन वे अब भी लिखने-पढ़ने में रुचि रखते हैं। आडवाणी लोकसभा में गुजरात की गांधीनगर और नई दिल्ली सीट से सांसद रहे हैं, जबकि दिल्ली, गुजरात और मध्य प्रदेश से उन्हें राज्यसभा सांसद भी चुना जा चुका है। उन्होंने श्यामाप्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ भी काम किया है और बीजेपी के संस्थापकों में से एक रहे हैं। आडवाणी 3 बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वे देश के गृह मंत्री के साथ उप प्रधानमंत्री पद का दायित्व भी संभाल चुके हैं और पार्टी ने एक बार उन्हें पीएम पद का दावेदार भी बनाया था, हालांकि उन चुनावों में बीजेपी हारकर सत्ता की रेस से बाहर हो गई थी।

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