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शिवराज सिंह की बुधनी, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्यसभा सीटों पर अभी से नेताओं की टकटकी

भाजपा-कांग्रेस के आधा दर्जन विधायक लोकसभा चुनाव मैदान में, ये जीते तो विस में होंगे उपचुनाव

मनीष दीक्षित- भोपाल। लोकसभा चुनाव में मप्र में भाजपा और कांग्रेस ने आधा दर्जन विधायकों पर दांव लगाया है। इनमें से जो भी जीतेगा, उस विधानसभा के लिए उपचुनाव होंगे। इनमें से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की जीत लगभग सुनिश्चित लग रही है। यानी लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें बुधनी विधानसभा से इस्तीफा देना होगा। वहीं प्रदेश में राज्यसभा की दो सीटें भी खाली हो सकती हैं। पिछले दो दशक से बुधनी और शिवराज सिंह चौहान एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं।

2006 में हुए उपचुनाव से लगातार वह बुधनी विधानसभा से जीतते आए हैं। इस बार पार्टी ने उन्हें विदिशा से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है, इसलिए माना जा रहा है कि चुनाव जीतने के बाद वे बुधनी विधानसभा से इस्तीफा दे देंगे। बुधनी में उनकी पत्नी साधना सिंह और पुत्र कार्तिकेय लंबे समय से सक्रिय हैं। ऐसे में उनके बाद पार्टी इस सीट की जिम्मेदारी उनके परिवार में से किसी को देगी या किसी और पर दांव लगाएगी, यह बड़ा सवाल है।

20 साल बाद विदिशा से मैदान में हैं शिवराज

इधर, विदिशा से शिवराज का पुराना नाता है और पिछले 30 वर्षों से यह लोकसभा सीट भाजपा के पास है। चौहान ने आखिरी बार 2004 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इसके साथ ही वे लगातार पांचवीं बार भाजपा के गढ़ से विजयी हुए थे। अब 20 वर्ष बाद फिर वे विदिशा से चुनावी मैदान में हैं। उनके विरुद्ध कांग्रेस ने प्रतापभानु शर्मा को मैदान में उतारा है।

33 साल के बाद दिग्गी राजगढ़ के मैदान में

इस चुनाव में मप्र के दो चिर परिचित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह भी मैदान में हैं। यह दोनों नेता 2019 में चुनाव हार गए थे। दिग्विजय राजगढ़ से व सिंधिया गुना से चुनाव लड़ रहे हैं। इन दोनों नेताओं का कार्यकाल जून 2026 तक है। इनके चुनाव जीतने पर इनकी जगह किसी और नेता को मौका मिल सकता है। दिग्विजय ने राजगढ़ से आखिरी लोकसभा चुनाव 1991 में लड़ा था। 29 वर्षों बाद उन्होंने अपनी किस्मत भोपाल लोकसभा से भी आजमाई, मगर हार गए। अब 2024 में कांग्रेस ने उन्हें राजगढ़ लोकसभा से उम्मीदवार बनाया है। यानी 33 साल बाद वे फिर उसी सीट से भाग्य आजमा रहे हैं, जिसे उन्होंने 1984 में पहली बार जीता था। उनके खिलाफ भाजपा के वर्तमान सांसद रोडमल नागर मैदान में हैं।

इन लोकसभा सीटों पर लड़ रहे विधायक

विधायक                   लोस कैंडिडेट
शिवराज सिंह चौहान      विदिशा
फूल सिंह बरैया             भिंड
सिद्धार्थ कुशवाहा           सतना
फुंदेलाल मार्को              शहडोल
ओमकार सिंह मरकाम   मंडला
महेश परमार                उज्जैन

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