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तन्खा के पत्र के बाद मप्र में वकीलों की हड़ताल स्थगित, SC ने कल बार के पदाधिकारियों को बुलाया

भोपाल में अभी हड़ताल जारी, बार ने पत्र लिखकर कहा- आमसभा में लिया जाएगा निर्णय

भोपाल। मध्यप्रदेश में 23 मार्च से जारी वकीलों की हड़ताल मंगलवार दोपहर स्थगित हो गई। वकीलों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने वकीलों से हड़ताल स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कुछ सुझाव भी दिए थे। उन्होंने बताया कि 29 मार्च की शाम 4:30 बजे दिल्ली में सीजेआई ने  स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों से मुलाकात का समय दिया है। इसमें हम सभी मुद्दों का हल निकाल लेंगे।

भोपाल में कल होगा निर्णय

इधर, भोपाल जिला बार एसोसिएशन की तरफ से वकीलों को एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि भोपाल के सभी वकील 29 मार्च यानी बुधवार तक कार्य से विरत रहेंगे। बुधवार दोपहर 12 बजे अभिभाषक संघ की बैठक होगी। इसके बाद की कोई निर्णय लिया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि चूंकि, अभी तक सारे निर्णय आमसभा के जरिये ही लिए गए हैं, इसलिए हड़ताल स्थगित करने का फैसला भी आमसभा के जरिये ही लिया जाएगा।

तन्खा ने कहा- आंदोलन से चिंता और दुख

तन्खा ने वकीलों के नाम एक पत्र में कहा- मेरे लिए कानून का पेशा और कानून की महिमा दोनों एक जुनून और एक सपना है। खासकर मध्यप्रदेश के वकील मेरे दिल के बहुत प्यारे हैं। मध्य प्रदेश के 90 हजार वकीलों को अगर मैं उथल-पुथल के दौर में देखता हूं तो मुझे चिंता भी होती है और दुख भी।

विवाद किसी के हित में नहीं

उन्होंने लिखा- 5 जनवरी 2023  को जारी कार्यालय ज्ञापन के कारण वकीलों को होने वाली कठिनाइयों के बारे में हमें पता है। लेकिन इस तरह के मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में कल जो वकीलों के खिलाफ आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया गया था, वह नहीं होना चाहिए था। तन्खा ने कहा- मध्य प्रदेश के 53 जिलों में बार और बेंच के बीच गतिरोध की स्थिति को देखकर मुझे दुख होता है। इस तरह का विवाद किसी के हित में नहीं है।

तन्खा ने वकीलों को दिए थे तीन सुझाव

तन्खा ने वकीलों को तीन सुझाव दिए थे। उन्होंने कहा था कि आज शाम तक संभव हो तो बार जल्द से जल्द आंदोलन को स्थगित करने पर विचार करे। आंदोलन स्थगित करने बाद कल शाम 4:30 बजे सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों के साथ एक बात की व्यवस्था की जा सकती है। दिल्ली में इस वार्ता के लिए बार काउंसिल और हाईकोर्ट के बार संघों के सदस्य प्रतिनिधिमंडल में शामिल हो सकते हैं। तन्खा ने कहा- बार और बेंच न्याय के रथ के दो पहिए हैं। सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने की जरूरत है। मुझे यकीन है कि अगर खुले दिमाग से बातचीत होगी तो सभी मुद्दों को हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा- हम सब एक कौम हैं- इंसाफ के सिपाही। तन्खा के पत्र के बाद बार ने बैठक आपात बैठक बुलाई और आंदोलन स्थगित कर दिया।

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