Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
People's Reporter
5 Nov 2025
Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
कुलगाम। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल वन क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का 'ऑपरेशन अखल' तीसरे दिन भी जारी है। 1 अगस्त की रात शुरू हुए इस तलाशी अभियान में अब तक 3 आतंकवादी मारे जा चुके हैं, जबकि एक जवान घायल हुआ है। भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही है। सेना के सूत्रों का कहना है कि यह साल 2025 का अब तक का सबसे बड़ा एनकाउंटर साबित हो सकता है।
सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला था कि कुलगाम के अखल जंगल में कुछ आतंकी छिपे हैं। इसी सूचना पर 1 अगस्त को ऑपरेशन शुरू किया गया। शुरुआती घंटों में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग की, जिसके जवाब में मुठभेड़ शुरू हुई। सर्च ऑपरेशन के दौरान जंगल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए हाईटेक ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और नाइट विजन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
शनिवार को सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया, जिनमें से एक की पहचान पुलवामा निवासी हारिस नजीर डार के रूप में हुई है। हारिस 'सी-कैटेगरी' का आतंकवादी था और उसका नाम उन 14 स्थानीय आतंकियों की लिस्ट में शामिल था, जो 26 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद जारी की गई थी। हारिस के पास से AK-47 राइफल, ग्रेनेड और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है।
सेना की चिनार कोर ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर बताया कि शनिवार रात भर रुक-रुक कर और तेज गोलीबारी चलती रही। जवानों ने सतर्क रहते हुए आतंकियों के ठिकानों को घेरकर कार्रवाई की। रविवार सुबह फिर से ऑपरेशन शुरू हुआ और इलाके की घेराबंदी और मजबूत कर दी गई।
कुलगाम का 'ऑपरेशन अखल' पिछले एक सप्ताह में जम्मू-कश्मीर में तीसरी बड़ी मुठभेड़ है।
खुफिया एजेंसियों ने अप्रैल में जिन 14 स्थानीय आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, उनमें से 7 को अब तक मारा जा चुका है। हारिस नजीर डार को मिलाकर अब तक मारे गए आतंकियों में शोपियां और पुलवामा के नाम सबसे ज़्यादा हैं। शेष 7 आतंकियों की तलाश अब भी जारी है, जिनमें हिजबुल और लश्कर जैसे संगठनों के सदस्य शामिल हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया कि पहलगाम हमले में शामिल 3 पाकिस्तानी आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव के तहत ढेर किया। उन्होंने कहा, तीनों की पहचान पाकिस्तानी वोटर ID और चॉकलेट से की गई थी। हमले की प्लानिंग के दिन से ट्रैकिंग की गई और 3 महीने में इन्हें घेरकर मार गिराया गया।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात और चिनार कोर के कमांडर ऑपरेशन अखल की लगातार निगरानी कर रहे हैं। सुरक्षाबलों का कहना है कि जंगल में अभी भी 1-2 आतंकी छिपे हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है। सुरक्षा के मद्देनजर पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और स्थानीय नागरिकों को दूर रहने की हिदायत दी गई है।
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