
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार यानी 26 मार्च को एक बार फिर इतिहास रच दिया। इसरो ने ब्रिटेन के 36 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च किए। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 9 बजे लॉन्च किया गया। इस मिशन को LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 नाम दिया गया है। फरवरी में SSLV-D2/EOS07 मिशन के सफल लॉन्च के बाद, 2023 में यह इसरो के लिए दूसरा लॉन्च है।
ISRO का सबसे भारी रॉकेट है LVM3
43.5 मीटर लंबा और 643 टन वजनी भारतीय रॉकेट LVM3 को श्रीहरिकोटा स्थित रॉकेट पोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया। ये ISRO का सबसे भारी रॉकेट है। यह रॉकेट ब्रिटेन (UK) स्थित नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के 36 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में ले गया है। भेजे गए सभी सैटेलाइट का कुल वजन 5805 किलोग्राम है। ये लॉन्च व्हीकल मार्क-III (LVM-III) से लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) पर लॉन्च किए गए।
रॉकेट लॉन्च होने के ठीक 19 मिनट बाद, सैटेलाइट्स के अलग होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 36 सैटेलाइट्स अलग-अलग चरणों में पृथक होंगे।
#WATCH | Andhra Pradesh: The Indian Space Research Organisation (ISRO) launches India’s largest LVM3 rocket carrying 36 satellites from Sriharikota
(Source: ISRO) pic.twitter.com/jBC5bVvmTy
— ANI (@ANI) March 26, 2023
क्या है वनवेब
ISRO की कमर्शियल यूनिट न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का वनवेब के लिए ये दूसरा मिशन रहा। नेटवर्क एक्सिस एसोसिएटेड लिमिटेड यानी वनवेब UK की संचार कंपनी है। इसमें ब्रिटिश सरकार, भारत की भारती इंटरप्राइजेज, फ्रांस की यूटेलसैट, जापान का सॉफ्टबैंक, अमेरिका के ह्यूज्स नेटवर्क्स और दक्षिण कोरियाई डिफेंस कंपनी हनव्हा की हिस्सेदारी है।
ISRO की ये लॉन्चिंग कामयाब रही तो क्या होगा
ISRO के मुताबिक, अगर यह लॉन्चिंग कामयाब होती है तो वनवेब इंडिया-2 स्पेस में 600 से ज्यादा लोअर अर्थ ऑर्बिट सेटेलाइट्स के कान्स्टलेशन को पूरा कर लेगी। इसके साथ ही इससे दुनिया के हर हिस्से में स्पेस आधार ब्रॉडबैंड इंटरनेट योजना में मदद मिलेगी।
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