भोपालमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश का भविष्य एक्सपोर्ट सेक्टर में है, हमने इस साल पहली बार 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं एक्सपोर्ट किया : शिवराज

मप्र के विधानसभा चुनावों को अब एक साल भी नहीं बचा है। भाजपा पूरे जोर-शोर से सत्ता में दोबारा वापसी करने में तो लगी ही है, गुजरात की तरह रिकॉर्ड बनाने के प्रयास कर रही है। मंचों पर मुख्यमंत्री के तेवर भी बदले हैं। भ्रष्टाचार पर अफसरों के ऑन स्पॉट सस्पेंशन हो रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि हम प्रदेश को डेवलपमेंट के नेक्स्ट लेवल पर जा रहे हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट भी नई संभावनाएं लाएगी। पीपुल्स समाचार के स्टेट एडिटर मनीष दीक्षित ने तमाम मुद्दों पर सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात की। पेश हैं मुख्य अंश…

सवाल : ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट में किस सेक्टर में बड़ी उम्मीदें देखते हैं?
सीएम : आईटी से लेकर ग्रीन हाइड्रोजन तक में संभावनाएं हैं। ग्रीन हाइड्रोजन पर बात चल रही है। एनर्जी के प्रोजेक्ट्स भी आ रहे हैं। ये ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं, जिनमें एनर्जी स्टोर करके रखने का काम भी हो सकता है। रेडिमेड गारमेंट, ऑटोमोबाइल, फार्मा जैसे सेक्टर्स तो हैं ही। स्टार्टअप, फूड प्रोससिंग, मिलेट्स आदि के एक्सपोर्ट और टूरिज्म पर हमारा फोकस हैं।

सवाल : कौन सा ऐसा सेक्टर है, जिसमें आप मप्र का भविष्य देखते हैं?
जवाब : इस साल हम मप्र से 48 हजार करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट कर चुके हैं। यह पहली बार हुआ है। इसमें हमारे कृषि उत्पादों का बड़ा हिस्सा है। यानी कृषि उत्पाद हमारी विशेषता बनने वाले हैं। वो तो भारत सरकार ने रोक लगा दी, वरना हम इस बार 40 से 50 लाख मीट्रिक टन तक का एक्सपोर्ट कर सकते थे। इस बार पहली बार 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया है। एक बार हमारे उत्पादों ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जगह बना ली तो कई वर्षों तक वहां स्थान बना रहेगा। इस पर फोकस कर मिडिल ईस्ट, यूरोप, अमेरिका जैसे देशों में बहुत डिमांड पर सप्लाई कर सकते हैं।

सवाल : शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या नई एप्रोच है?
सीएम : सीएम राइज स्कूल हमारी क्रांतिकारी अवधारणा है। बिल्डिंग बनने तक थोड़ा समय लगेगा, लेकिन यह पूरे शिक्षा के परिदृश्य को बदल देगा। 15 से 20 किमी के दायरे में एक ऐसा स्कूल बनाएंगे, जिसमें स्मार्ट क्लास, प्लेग्राउंड, लाइब्रेरी, स्विमिंग पूल जैसी वह सभी सुविधाएं हों जो प्राइववेट स्कूलों में होती हैं। छात्रों को लेने और छोड़ने बसें जाएंगी। स्मार्ट क्लासेस के जरिये से दिल्ली – मुंबई या भोपाल- इंदौर से भी पढ़या जा सकेगा।

सवाल : जब से जीएसटी आया है तब से हर राज्य के सामने रेवेन्यू बढ़ाने का संकट है। कंपनसेशन भी सब राज्यों को मिल गया तो रेवेन्यू बढ़ाने के लिए क्या प्लान है?
सीएम : सबसे पहले तो जीएसटी का बेस बढ़ाया जा सकता है। यह सही है कि सरकार के पास राजस्व के सीमित संसाधन हैं, लेकिन जीएसटी में अभी संभावनाएं बहुत हैं। ज्यादा लोगों को इसके दायरे में लाया जा सकता है। कस्बों और छोटे शहरों में विस्तार की संभावना है।

सवाल  : क्या मध्यप्रदेश शराब बंदी की तरफ जा रहा है?  
सीएम : देखिये इसे बंद तो नहीं कर सकते। कई लोगों की रोजी – रोटी के अलावा इसके साथ परंपराएं भी जुड़ी हुई हैं। कोशिश यह रहेगी की इसकी बुराइयों से जनता को अवगत करवाएंगे कि इसका प्रयोग कैसे कम हो, नशा कैसे कम हो।

सवाल : राहुल गांधी मप्र को लेकर बड़ा विश्वास दिखा रहे हैं। मप्र में कांग्रेस के उत्साही कार्यकर्ताओं ने भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर लगा दिए.. इस पर क्या कहेंगे?
सीएम : मन बहलाने के लिए गालिब खयाल अच्छा है।

सवाल : कमलनाथ पुरानी पेंशन, कर्ज माफी, विधवा पेंशन जैसी घोषणाएं फिर कर रहे हैं?
सीएम : इनको पता है करना तो कुछ है नहीं। बोलने में क्या जाता है। ये थे तब भी कुछ नहीं कर पाए। न तो कर्ज माफ कर सके और न ही बेरोजगारी भत्ता दे पाए। एक को नहीं दिया। क्या किसी को बेरोजगारी भत्ता मिला ? मगर हम जो कहेंगे वो करने के लिए ही कहेंगे।

सवाल : समान नागरिक संहिता के बारे में आप क्या सोचते हैं?
सीएम : मप्र इसके पक्ष में है। हम टीम बनाएंगे जो इस पर पूरा वर्कआउट करेगी।

सवाल : इस बार चुनाव में क्या रणनीति लेकर उतरेंगे?
सीएम : हम डेवलपमेंट के अगले चरण की बात करेंगे। इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिंचाई में 65 लाख हेक्टेयर तक सिंचाई के प्रोजेक्ट हैं। मैं खेती को ताकत बनाना चाहता हूं। कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट पर जोर रहेगा। अपने उत्पाद दुनिया भर में भेजेंगे । एक्सप्रेस वे बनाएंगे, अटल एक्सप्रेस वे के टेंडर होने वाले हैं। एक्सप्रेस वे बनेगा तो दोनों तरफ टाउनशिप, इंडस्ट्रीज डेवलप होंगी। नर्मदा एक्सप्रेस बन रहा है। फ्लाईओवर ही नहीं, केबलकार और मेट्रो के काम चल रहे हैं। उज्जैन में केबल कार का प्रयोग सफल ही रहा है। अस्पतालों पर भी काम कर रहे हैं। जहां पहुंचे हैं, उससे एक कदम आगे बढ़कर काम करेंगे।

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