Shivani Gupta
9 Oct 2025
पल्लवी वाघेला भोपाल । जिला उपभोक्ता आयोग क्रमांक-1 ने दुर्घटना बीमा संबंधी एक मामले में मृतक के परिवार को उनके बीमा का क्लेम दिलाया है। बीमा कंपनी ने इस आधार पर बीमा का क्लेम खारिज किया था कि दुर्घटना के वक्त मृतक आॅटो चालक परमिट क्षेत्र के बाहर था। हालांकि, मामले में उपभोक्ता आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के साल 2010 के साहू विरुद्ध ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के मामले में आए आदेश का हवाला देते हुए मृतक के परिवार को बीमा की 75 प्रतिशत राशि का भुगतान 7 फीसद की ब्याज दर से करने और अतिरिक्त 13 हजार की राशि चुकाने का आदेश भी दिया है।
उपभोक्ता की ओर से वकील मोना पालीवाल ने बताया कि उनकी क्लाइंट अनीता चौहान के पति सुरजीत सिंह उर्फ राजेंद्र सिंह का 17 अक्टूबर 2019 में भोपाल से विदिशा जाते समय बालमपुर घाटी के पास एक्सीडेंट हो गया था। मिनी ट्रक चालक द्वारा टक्कर मारने से हुई दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। राजेंद्र सिंह ने अपनी आजीविका को चलाने के लिए यह आॅटो लिया था और जून 2019 में एक साल के लिए लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस कंपनी से व्यक्तिगत दुर्घटना के लिए 15 लाख रुपए का बीमा भी कराया था, जिससे भविष्य में दिक्कत न हो।
अक्टूबर में उपभोक्ता की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने बीमा का दावा प्रस्तुत किया, लेकिन कंपनी ने यह कहकर खारिज कर दिया कि वाहन का अस्थायी परमिट भोपाल नगर निगम की सीमा तक का था। ऐसे में सीमा के बाहर दुर्घटना होने से उपभोक्ता क्लेम का अधिकारी नहीं है। मामले में उपभोक्ता की पत्नी ने इसके खिलाफ आवेदन लगाया था।
उपभोक्ता आयोग क्रमांक-1 के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल और सदस्य प्रतिभा पांडेय ने मामले में इसे सेवा में कमी माना। मामले में आयोग ने बीमा क्लेम की 75 फीसद राशि 2021 से 7 वर्ष के ब्याज के साथ व मानसिक प्रताड़ना के लिए 10 हजार रुपए और वाद व्यय के 3 हजार रुपए उपभोक्ता को देने के आदेश दिए हैं।