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इंदौर में स्‍कूल बस ने एक व्‍यक्ति को रौंदा, परिजनों ने शव रखकर किया चक्काजाम, आश्वासन के बाद खत्म किया प्रदर्शन

इंदौर। स्कूल बस से एक व्यक्ति की कुलचने से मौत के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। बुधवार को परिजनों ने रहवासियों के साथ माणिकबाग ब्रिज पर चक्काजाम कर दिया। जहां मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी और बच्चों की स्कूली शिक्षा फ्री करने की मांग को लेकर रोड पर अर्थी रखकर साढ़े चार घंटे चक्काजाम किया। ढाई बजे राऊ एसडीएम ने मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रदर्शन खत्म किया गया।

परिजनों को समाझाने पहुंचे एसडीएम

कलेक्टर के निर्देश पर प्रदर्शनस्थल पर पहुंचे राऊ एसडीएम राकेश परमार ने परिवार से चर्चा की। उन्होंने बताया कलेक्टर आशीष सिंह ने रेड क्रॉस के माध्यम से तत्काल एक लाख रुपए परिजन को दिए हैं। लॉरेल्स स्कूल इंटरनेशनल मृतक की दोनों बच्चियों को लाइफ टाइम नि:शुल्क पढ़ाई कराई जाएगी। मुआवजे को लेकर परिजन और स्कूल के बीच आपसी सहमति बनी है। यदि दायरे में आएंगे तो नगर निगम की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार को मकान दिलाया जाएगा। इसके बाद प्रदर्शन खत्म हुआ।

बड़ी संख्या में पुलिस-प्रशासन मौके पर मौजूद

दरअसल, मंगलवार को एक निजी स्कूल बस की टक्कर के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। एक निजी बस स्कूल ड्राइवर द्वारा यह घटना हुई थी। बुधवार सुबह से ही मानिकबाग ब्रिज पर मृतक के परिजनों ने शव रखकर चक्काजाम किया। मृतक के परिजनों में से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और मृतक के बच्चों को स्कूली शिक्षा फ्री देने की मांग को लेकर यह चक्काजाम किया गया। इस चक्काजाम को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच गया था, लेकिन जाम करने वाले रहवासियों का कहना था कि इस जाम के लिए ना कोई विधायक, ना कोई सांसद मौके पर पहुंचा और ना ही कोई जनप्रतिनिधि उनसे बात करने आया। इतनी बड़ी घटना के बाद भी कोई भी व्यक्ति उनकी सुध लेने नहीं आ रहा है।

चक्काजाम को देखकर रहवासियों ने पुलिस-प्रशासन को चेतावनी दी कि जब तक कोई स्कूल प्रबंधन का व्यक्ति उनसे बात करने नहीं आएगा, यह चक्काजाम इसी तरह से चलता रहेगा। मानिकबाग ब्रिज पर लगे जाम से यातायात प्रभावित हुआ। वहीं यातायात विभाग और पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर सभी प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाइश देता रहा, लेकिन वह नहीं माने।

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क्या है मामला?

मंगलवार सुबह लॉरेंस पब्लिक स्कूल की बस ने एक राहगीर को तेज गति से टक्कर मारकर उसे मौत की घाट उतार दिया था। घटना के बाद परिजन द्वारा इस घटना के लिए स्कूल ड्राइवर को मौत का जिम्मेदार बताया गया था, लेकिन घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई जनप्रतिनिधि जब मृतक के परिजन से बात नहीं करने आया तो बुधवार सुबह परिजन और सिंधी समाज के बड़ी संख्या में लोगों द्वारा चक्काजाम किया गया।

चक्काजाम की सूचना के बाद पुलिस प्रशासन पहुंचा। परिजनों की मांग थी कि मृतक दीपक के परिजनों को नौकरी दी जाए। मृतक के बच्चों को उनकी स्कूल शिक्षा फ्री की जाए, जहां सिंधी समाज के सभी रहवासियों और समाज जनों में आक्रोश था कि संसद से लेकर कोई भजन प्रतिनिधित्व उनसे मिलने नहीं आया। वहीं घटना के बाद भी स्कूल प्रबंधन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। चक्काजाम के कारण यातायात प्रभावित रहा।

(इनपुट – हेमंत नागले)

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