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हिमाचल : अयोग्य करार राणा ने कहा – 9 और विधायक संपर्क में

सीएम सुक्खू ने कहा - कांग्रेस के 80% विधायक एक साथ

शिमला। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले हिमाचल प्रदेश के छह कांग्रेस विधायकों में शामिल और बाद में विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए गए राजेंद्र राणा ने शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस दावे को हास्यास्पद करार दिया कि कुछ बागी विधायक लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के कम से कम नौ और विधायक उनके संपर्क में हैं। उन्होंने सुक्खू पर अपने बयानों से लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। राणा ने कहा, कोई भी लौटना नहीं चाहता। इससे पहले सुक्खू ने दावा किया था कि कांग्रेस के 80 प्रतिशत विधायक एकसाथ हैं और शेष विधायक मामूली मुद्दों को लेकर असंतुष्ट हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अयोग्य घोषित किए गए छह विधायकों के साथ चर्चा की है और समन्वय समिति के गठन के बाद स्थिति निश्चित तौर पर बेहतर हो जाएगी। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बारे में पूछे जाने पर राणा ने कहा, हमने हिमाचल प्रदेश और इसके लोगों का सम्मान बरकरार रखने के लिए यह फैसला लिया। उन्होंने पूछा, क्या कांग्रेस के पास प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच से ऐसा कोई उम्मीदवार नहीं था जो हिमाचल का प्रतिनिधित्व कर सके?

विधानसभा की सुरक्षा की समीक्षा के लिए बोर्ड गठित

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शिमला और धर्मशिला परिसरों की सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक संतोष पटियाल के नेतृत्व में चार सदस्यीय अधिकारियों के बोर्ड का गठन किया गया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि यह कदम हालिया घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक अधिकारियों के बोर्ड में कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी और पुलिस अधीक्षक (अपराध अन्वेषण विभाग) भूपेंद्र नेगी को सदस्य बनाया गया है, जो विधानसभा की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्थायी संस्थागत व्यवस्था सुझाएगा और सुरक्षा के लिए विस्तृत परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगा। विधानसभा सुरक्षा के संबंध में शुक्रवार को बैठक हुई थी। विधानसभा में राज्यसभा की एक सीट के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह कांग्रेस विधायक और तीन निर्दलीय विधायक हरियाणा के लिए रवाना हो गए थे।

मंत्रिमंडल की बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए 2 मंत्री

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान शनिवार को जबरदस्त नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला और नीतिगत फैसलों को लेकर तीखी बहस के बाद मंत्री जगत नेगी और रोहित ठाकुर बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए। सूत्रों ने बताया कि हालांकि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री द्वारा मनाए जाने के बाद शिक्षा मंत्री ठाकुर बैठक में वापस लौट आए। कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में अपने छह विधायकों द्वारा राज्यसभा चुनाव में राज्य की एकमात्र सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट देने के बाद राज्य में उत्पन्न हुए राजनीतिक संकट को दूर करने का प्रयास कर रही है। राजस्व मंत्री नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में बैठक निर्धारित समय पूर्वाह्न 11 बजे के बजाय अपराह्न लगभग 12.30 बजे शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी और कार्यक्रम में जाना था और उन्हें देर हो रही थी, इसलिए वह बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए थे। ठाकुर ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि वह किसी से मिलने के लिए कुछ देर के लिए बैठक छोड़कर चले गए थे लेकिन बाद में वापस लौट आए थे।

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