राष्ट्रीय

झारखंड: हेमंत सोरेन ने जीता विश्वास मत, सरकार के समर्थन में पड़े 48 वोट; BJP ने सदन से किया वॉकआउट

झारखंड में लंबे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्वास मत जीत लिया है। उन्हें 48 विधायकों का समर्थन मिला, जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है। इस दौरान भाजपा विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया। विश्वासमत पर वोटिंग को बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।

भाजपा विधायकों ने किया प्रदर्शन

सोरेन सोमवार सुबह छत्तीसगढ़ से लौटे अपने सभी विधायकों को खुद बस से लेकर विधानसभा आए थे। इस दौरान भाजपा विधायकों ने विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया। साथ ही कहा कि हेमंत सोरेन सरकार का जनता के मुद्दों से सरोकार नहीं है, बल्कि वह अपनी सरकार को बचाना चाहते हैं।

वहीं हेमंत सोरेन लंबे समय से दावा कर रहे थे कि हमारे पास बहुमत है। बीजेपी कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले, हमारे विधायकों को प्रभावित नहीं कर सकती।

विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायकों का हंगामा।

विधानसभा की दलीय स्थिति

कुल सीटें 81
बहुमत 42
झामुमो 30
कांग्रेस 15
अन्य 3
भाजपा 26
आजसू 2
निर्दलीय 2

सोरेन को 48 विधायकों का समर्थन

सीएम सोरेन को बहुमत की दृष्टि से कोई खतरा नहीं है। उन्हें अपनी पार्टी झामुमो के 30, कांग्रेस के 15 (कैश कांड में लिप्त तीन विधायकों को छोड़कर), राजद, भाकपा माले तथा एनसीपी के एक-एक विधायक का समर्थन प्राप्त है। इस तरह सोरेन के पास 48 विधायकों का भरपूर समर्थन है।

राज्यों में गृह युद्ध की स्थिति बना रही भाजपा: सोरेन

सदन में सोरेन ने कहा कि, कपड़ा, सब्जी और राशन को खरीदना सुना था, बीजेपी विधायक खरीद रही है। विपक्ष ने तंत्र को खत्म कर दिया है सिर्फ लोक बचा है। लोकतंत्र को बचाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। बीजेपी देश के आधे राज्यों में गृह युद्ध की स्थिति बना रही है।

रायपुर से रविवार को लौटे विधायक

जानकारी के मुताबिक, झारखंड में सत्तारूढ़ यूपीए गठबंधन के करीब 30 विधायक सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए रायपुर से रविवार दोपहर को रांची वापस आए थे। ये विधायक 30 अगस्त से रायपुर के पास एक रिसॉर्ट में रहे हुए थे। विपक्ष सरकार गिराने के लिए विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग करने में जुटा है। इसको लेकर महागठबंधन के सभी विधायकों को पछले कई दिनों से एक साथ रिजॉर्ट में रखा गया था।

ये भी पढ़ें- Jharkhand Political Crisis : सरकार बचाने की कवायद… रायपुर शिफ्ट हुए यूपीए के विधायक; एयरपोर्ट छोड़ने आए थे CM सोरेन

सोरेन पर खुद को खनन पट्टा देने का आरोप

यह मामला हेमंत सोरेन द्वारा खुद को खनन पट्टा देने का है। इस मामले में चुनाव आयोग ने जांच की थी। संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने के मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल को करना होता है।

दरअसल, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोप लगे थे। बीजेपी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में 18 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गई थी। अब निर्वाचन आयोग ने इस मामले में अपनी राय राज्यपाल को भेजी है।

ईडी ने हाल ही में खनन सचिव पूजा सिंघल को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया था, पूजा ने ही खनन का लाइसेंस जारी किया था।

ये भी पढ़ें- झारखंड CM हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर खतरा, EC ने राज्यपाल को भेजी रिपोर्ट

सीएम सोरेन के तीन करीबी हो चुके हैं गिरफ्तार

झारखंड में अवैध खनन मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने बुधवार को झारखंड, बिहार, तमिलनाडु, दिल्ली और एनसीआर में छापेमारी की थी। ये छापेमारी झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और उनके करीबी बच्चू यादव से पूछताछ के बाद की थी। इन दोनों को ईडी इस मामले में पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं हाल ही में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए सीएम सोरेन के करीबी प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया है। इससे पहले प्रेम प्रकाश के घर पर ED ने छापेमारी की थी।

अन्य राष्ट्रीय खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

संबंधित खबरें...

Back to top button