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Jharkhand Political Crisis : सरकार बचाने की कवायद… रायपुर शिफ्ट हुए यूपीए के विधायक; एयरपोर्ट छोड़ने आए थे CM सोरेन

झारखंड में सियासी संकट गहरा गया है। इस बीच आज यूपीए के विधायकों को रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है। कांग्रेस-जेएमएम और राजद के 32 विधायकों को रांची एयरपोर्ट से इंडिगो के विशेष विमान से रायपुर लाया गया है। सभी विधायकों को नवा रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में पहुंचाया गया है। रिसॉर्ट के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

32 विधायक रायपुर पहुंचे

बताया जा रहा है कि दो बस में कुल 35 लोग एयरपोर्ट पहुंचे। बस में सीएम हेमंत सोरेन के अलावा अविनाश पांडेय और राजेश ठाकुर भी मौजूद थे। कुल 35 से 32 विधायक थे। जिसमें कांग्रेस के 12, जेएमएम के 19, आरजेडी के एक विधायक गए हैं। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और संतोष पांडे रायपुर जा रहे हैं।

सीएम सोरेन ने इसे बताया रणनीति का हिस्सा

एयरपोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने इसे रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, यह कोई आश्चर्यचकित करने वाली बात या नई परिपाटी नहीं है। ना ही कोई अनहोनी होने जा रही है। हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सत्तापक्ष तैयार है। कई बार रणनीति के तहत कार्य किया जाता है, उसी रणनीति का आपने छोटा सी झलक पहले देखी और आज भी देखी। आगे भी देखने को मिलेगा। सरकार षड्यंत्रकारियों को जवाब देने के लिए तैयार है।

1 सितंबर को बुलाई कैबिनेट की बैठक

इस सियासी संकट के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने 1 सितंबर को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इसमें जनता के हित से जुड़े कई अहम फैसले लेने संबंधी बातें कही जा रही है। इस बीच सोमवार को सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन की विधायकी पर भी चुनाव आयोग में चर्चा हुई, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका।

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दल-बदल मामले में सुनवाई पूरी

बीजेपी विधायक दल-बदल मामले में बाबूलाल मरांडी पर विधानसभा में सुनवाई पूरी हो गई है। किसी भी वक्त उन पर फैसला आ सकता है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सोरेन पर फैसले के बाद ही इस पर कुछ फैसला आ सकता है। दरअसल, बाबूलाल मरांडी पर झाविमो (झारखंड विकास मोर्चा) के सिंबल पर विधानसभा चुनाव 2019 में निर्वाचित होने के बाद भाजपा में शामिल हो गए।

मरांडी ने कहा कि उन्होंने झाविमो का विलय भाजपा में नियमानुसार किया है। तीन विधायकों में से दो को निष्कासित करने के बाद पार्टी में बचे एक मात्र विधायक ने पार्टी का विलय करने का निर्णय किया। यह दल-बदल का मामला नहीं बनता है। झाविमो में भाजपा के विलय को निर्वाचन आयोग की मंजूरी भी मिल चुकी है।

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इस डर से विधायकों को भेजा रायपुर

हेमंत सोरेन के खिलाफ पत्थर खनन लीज आवंटन मामले में चुनाव आयोग सुनवाई पूरी करके अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेज चुका है। माना जा रहा है कि ऑफिस ऑफ फ्रॉफिट केस में हेमंत सोरेन की सदस्यता जा सकती है और इस वजह से उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। इस बीच महागठबंधन को टूट का डर भी सता रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा भाजपा पर विधायकों को तोड़ने के प्रयास का आरोप लगा रही है। ऐसे में कुनबा सुरक्षित करने के लिए विधायकों को कांग्रेस शासित प्रदेश में शिफ्ट किया जा रहा है।

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