
एक 49 वर्षीय व्यक्ति की अचानक मौत ने सबको चौंका दिया, जब उसके शरीर में सेप्सिस फैल गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिसंबर 2022 में उनके पालतू बीगल ने उनके खुले घाव को चाटा था, जिसके बाद इन्फेक्शन तेजी से फैलने लगा। इस घटना के बाद डॉक्टरों ने सभी पेट पेरेंट्स को चेतावनी दी है कि घावों को जानवरों की सलाइवा से दूर रखना बेहद जरूरी है। इससे आपको कई घातक बीमारियां हो सकती है।
छह कार्डियक अरेस्ट के बाद हुआ ऑर्गन फेलियर
व्यक्ति की पत्नी ने उसे घर में मृत अवस्था में पाया, जिसके बाद मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंचकर इलाज शुरू किया। हालांकि, उनके शरीर ने किसी भी उपचार का जवाब नहीं दिया और छह बार कार्डियक अरेस्ट होने के बाद उसकी ऑर्गन फेलियर के कारण मौत हो गई।
डॉक्टरों ने जांच में पाया कि मृतक को एक दुर्लभ इन्फेक्शन था, जो सेप्सिस से जुड़ा था। माना जा रहा है कि यह संक्रमण उनके कुत्ते से फैला। दरअसल, कुत्ते ने उसके पैर के खुले घाव को चाटा था।
दुर्लभ इन्फेक्शन से पीड़ित था व्यक्ति
डॉक्टरों ने बताया कि मृतक का इम्यून सिस्टम पहले भी कमजोर था, क्योंकि 24 साल की उम्र में उनकी स्प्लीन हटा दी गई थी। स्प्लीन शरीर में इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती है। हालांकि, उनके परिवार के मुताबिक, वह पूरी तरह स्वस्थ और फिट इंसान थे।
माइक्रोबायोलॉजिस्ट, डॉ. ओनील ने बताया कि यह एक ‘बहुत ही दुर्लभ’ बैक्टीरिया था, जो प्रति दस लाख लोगों में से केवल एक को प्रभावित करता है। जब यह ब्लड सर्कुलेशन में प्रवेश करता है, तो 33% मामलों में यह खतरनाक साबित होता है।
डॉक्टरों की सलाह: पालतू जानवरों से घावों को रखें दूर
कोरोनर क्रोना गैलाघर ने इस मामले पर कहा कि सेप्सिस के इस दुर्लभ मामले का संबंध कुत्ते की सलाइवा से हो सकता है। उन्होंने लोगों को चेतावनी दी कि वे अपने घावों को जानवरों की सलाइवा से बचाएं और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
क्या है सेप्सिस और इसके लक्षण?
सेप्सिस एक जानलेवा इन्फेक्शन है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम जरूरत से ज्यादा रियेक्ट करने लगता है, जिससे शरीर को नुकसान पहुंचता है।
एडल्ट्स में सेप्सिस के लक्षण:
- भ्रमित महसूस करना या असंबद्ध बातें करना
- त्वचा, होंठ या जीभ का नीला या फीका पड़ जाना
- कांच के गिलास से दबाने पर भी न मिटने वाला दानेदार लाल चकत्ता
- तेज सांस लेना या सांस लेने में कठिनाई
बच्चों में सेप्सिस के लक्षण:
- त्वचा, होंठ या जीभ का रंग बदलना
- तेज सांस लेना या सांस में तकलीफ
- कमजोर, ऊंची पिच वाली रोने की आवाज
- सामान्य से अधिक नींद आना या प्रतिक्रिया न देना
यदि किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या आपातकालीन सेवा (999) पर कॉल करें।