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पिता को था बेटे की हत्या का शक, पुलिस ने 48 घंटे में खोज निकाला, बेटा बोला- नहीं रहना पिता के साथ, जानें पूरा मामला 

इंदौर। विजय नगर थाना क्षेत्र में 12 अप्रैल को एक व्यक्ति ने अपने 14 वर्षीय बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पिता  का कहना था कि कोई व्यक्ति उसे बोरे में लेकर चला गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो किशोर इंदौर के रेलवे स्टेशन पर दिल्ली की ट्रेन में चढ़ते हुए दिखाई दिया। पुलिस पता लगा ही रही थी कि नाबालिग किस स्टेशन पर उतरा है और कहां गया है उतनी ही देर में पिता ने पुलिस को यह जानकारी दी कि उसके बेटे का लहूलुहान शव बोरे में बंद दिल्ली की सड़कों पर पड़ा है। पिता ने किसी अज्ञात व्यक्ति के हवाले से यह जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने तुरंत एक टीम दिल्ली रवाना की। वहां से 14 वर्षीय नाबालिग को सही-सलामत लाया गया। पुलिस ने 48 घंटे के अंदर नाबालिग को पिता के सुपुर्द कर दिया। हालांकि, इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब नाबालिग ने पिता के साथ रहने से इनकार कर दिया।

बेटे ने किया चौंकाने वाले खुलासे

विजय नगर थाना प्रभारी रविंद्र गुर्जर ने बताया कि दिल्ली से इंदौर लाते वक्त उन्होंने 14 वर्षीय नाबालिग से काफी देर तक बातचीत की। इस दौरान उसने पुलिस को जो बातें बताईं, वह चौंकाने वाली थीं। उसने बताया कि पिता उससे अक्सर मारपीट करता है। इस दौरान उसे खाना भी नहीं दिया जाता है। इस कारण उसने घर छोड़ा था।

चाइल्ड लाइन ने सुनी बात

इंदौर आने के बाद विजय नगर पुलिस ने चाइल्डलाइन के अधिकारियों को थाने में बुलाया। यहां बच्चे से कई घंटे चर्चा करने के बाद बच्चे ने जो भी आपबीती बताई, उस पर चाइल्ड लाइन के अधिकारियों का कहना है कि पिता बेटे के साथ बहुत मारपीट करता है। खाना नहीं देता है। इसी वजह से बच्चे ने घर छोड़ा था। तय किया गया कि उसे किसी चाइल्डलाइन केयर सेंटर में रखना ही उचित होगा।

पुलिस का दिखा मानवीय चेहरा

इस मामले में पुलिस ने तेजी तो दिखाई ही, उसका मानवीय चेहरा भी सामने आया। किशोर के अपहरण की सूचना पर टीआई विजय नगर रविंद्र गुर्जर स्वयं अपनी टीम के साथ दिल्ली गए और महज 48 घंटे में नाबालिग को सुरक्षित लेकर आए। बता दें कि इंदौर से दिल्ली की दूरी 830 किमी है। ऐसे में यह काम महज 48 घंटे में किए जाने से पुलिस की तारीफ हो रही है।

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