अहमदाबाद। गुजरात के सौराष्ट्र में भूकंप के झटके महसूस किए हैं। सोमनाथ जिले के तलाला शहर में बुधवार दोपहर 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने बताया कि उसके शीघ्र बाद 3.4 तीव्रता का भी भूकंप आया। हालांकि इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
तलाला में दो बार हिली धरती
आईएसआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 3 बजकर 14 मिनट पर 3.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में तलाला से करीब 13 किलोमीटर दूर उत्तर-उत्तरपूर्व में था। उसने बताया कि 3 बजकर 18 मिनट पर भी फिर 3.4 तीव्रता का भूकंप का झटका आया, जिसका केंद्र तलाला से करीब 12 किलोमीटर दूर उत्तर-उत्तरपूर्व में था। जिला प्रशासन ने बताया कि भूकंप के कारण जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
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गुजरात में 2001 में आया था विध्वंसक भूकंप
गुजरात में 26 जनवरी, 2001 में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था जिसका केंद्र कच्छ था। यह पिछली दो सदियों में भारत में तीसरा सबसे बड़ा एवं दूसरा सबसे विध्वंसक भूकंप था। उसमें जिले में बड़ी संख्या में शहर एवं गांव तबाह हो गए थे तथा 13800 लोगों की जान चली गई थी एवं 1.67 लाख लोग घायल हो गए थे।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।