व्यापार जगत

संसदीय समिति की बैठक: ‘क्रिप्टोकरेंसी को रोक नहीं सकते, लेकिन नियम-कानून जरूरी’, निवेश की सुरक्षा को लेकर जताई चिंता

देश और दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी काफी लोकप्रिय होती जा रही है। वहीं भारतीय नागरिकों की ओर से भी इन डिजिटल एसेट में निवेश बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थाई समिति की बैठक हुई। स्थाई समिति के चेयरमैन जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में ज्यादातर सदस्यों ने माना कि क्रिप्टोकरेंसी पर रोक नहीं लगाई जा सकती लेकिन इसे रेग्युलेट किये जाने की जरुरत है। साथ ही कुछ सदस्यों ने निवेशकों के निवेश की सुरक्षा को लेकर चिंता भी जाहिर की।

समिति के सदस्यों ने सरकारी अधिकारियों से की ये मांग

जानकारी के मुताबिक, वित्त संबंधी संसद की स्थाई समिति के सदस्य सांसदों ने कहा कि अब समिति के समक्ष सरकारी अधिकारियों को बुलाया जाना चाहिए ताकि उनके समक्ष वे अपनी चिंता प्रकट कर सकें।

क्रिप्टोफाइनैंस को लेकर स्थाई समिति की पहली बैठक

यह पहली बार है जब वित्त मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति ने क्रिप्टो करेंसी उद्योग के स्टेकहोल्डर्स को औपचारिक रूप से चर्चा करने के लिए बैठक की है। बैठक में क्रिप्टोफाइनैंस में संभावनाओं और चुनौतियों को लेकर चर्चा की गई। इसमें क्रिप्टो एक्सचेंजों के स्टेरहोल्डरर्स, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल के सदस्यों ने भी शिरकत की।

पीएम मोदी ने शनिवार को बड़ी बैठक की

इससे पहले 13 नवंबर को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर भारी रिटर्न के भ्रामक दावों पर चिंताओं के बीच पीएम मोदी के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें युवाओं को गुमराह करने वाले अति-लुभावने और गैर-पारदर्शी विज्ञापन पर चिंता जताई गई और ये तय किया गया इन विज्ञापनों पर नकेल कसी जाएगी। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में ये भी तय किया गया कि अनरेग्युलेटेड क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग का जरिया नहीं बनने दिया जाएगा।

आरबीआई गर्वनर भी जता चुके हैं चिंता

इससे पहले आरबीआई भी क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपनी राय रख चुका है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास का कहना था कि इससे देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

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