लास वेगास। टेस्ला साइबरट्रक में हुए विस्फोट ने सभी को चौंका दिया है। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए। मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि हमले की योजना बनाने में चैटजीपीटी और अन्य जनरेटिव एआई टूल्स का इस्तेमाल किया गया था। यह दावा लास वेगास पुलिस ने किया है।
क्या है पूरा मामला
करीब एक हफ्ते पहले लास वेगास के ट्रंप इंटरनेशनल होटल के बाहर खड़ी टेस्ला साइबरट्रक में विस्फोट हुआ। लास वेगास मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग (LVMPD) के अनुसार, ट्रक होटल के एंट्री गेट पर खड़ी थी। पहले वाहन से धुआं निकलता देखा गया, फिर अचानक एक बड़ा धमाका हुआ। इस धमाके में 37 वर्षीय मैथ्यू लिवेल्सबर्गर की मौत हो गई और सात अन्य लोग घायल हुए। पुलिस जांच में सामने आया कि इस हमले की योजना में चैटजीपीटी और अन्य जनरेटिव एआई टूल्स का सहारा लिया गया।
चैटजीपीटी का इस्तेमाल कैसे किया गया
पुलिस के मुताबिक, धमाका करने वाले आरोपी ने चैटजीपीटी का उपयोग खास उपकरण बनाने और विस्फोटक की योजना तैयार करने के लिए किया। यह पहली बार है जब किसी आतंकी गतिविधि में एआई टूल्स के इस्तेमाल का पता चला है। शेरिफ (पुलिस अधकारी) केविन मैकमैहिल ने इसे गेम-चेंजर बताया और कहा कि यह घटना न केवल अमेरिका बल्कि दुनिया के लिए भी चिंता का विषय है।
एआई कंपनी ने दिया बयान
पुलिस का कहना है कि चैटजीपीटी और जनरेटिव एआई के इस्तेमाल को लेकर अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ जानकारी साझा की जा रही है। वहीं, ओपनएआई के प्रवक्ता ने घटना पर खेद जताते हुए कहा कि उनके मॉडल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे हानिकारक निर्देशों को अस्वीकार करें और अवैध गतिविधियों के खिलाफ चेतावनी दें। उनका दावा है कि चैटजीपीटी ने केवल सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर जवाब दिया होगा।
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