पुणे में एक 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट की मौत से हंगामा मच गया है। इस घटना ने देशभर में काम के दबाव और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। युवती की गुस्साई मां ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी पर अत्यधिक काम का दबाव डाला जा रहा था, जिसके कारण उसकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ा। इसी वजह से उसकी मौत हुई है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है और अब केंद्र सरकार भी इस मामले में हस्तक्षेप कर रही है।
क्या है मामला?
एना सेबेस्टियन पिरेयिल केरल की रहने वाली थीं। एना ने मार्च 2024 में पुणे स्थित अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) में चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में काम करना शुरू किया था। उन्होंने नवंबर 2023 में चार्टर्ड अकाउंटेंसी की परीक्षा पास की थी और यह उनकी पहली नौकरी थी। एना की मां अनीता ऑगस्टिन का कहना है कि उनकी बेटी को कंपनी में काम के अत्यधिक दबाव का सामना करना पड़ा, जिससे उसका स्वास्थ्य लगातार गिरता गया।
एना की मौत 20 जुलाई 2024 को हुई थी। इसके बाद मां ने कंपनी के मालिक को एक भावुक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी बेटी से इतना काम लिया जा रहा था कि वह तनाव और एंग्जायटी से जूझ रही थी। अनीता का आरोप है कि कंपनी के वर्क कल्चर ने उनकी बेटी की जान ले ली।
एना की मां ने लगाए कंपनी पर गंभीर आरोप
अनीता ऑगस्टिन ने अपने पत्र में लिखा कि उनकी बेटी अपनी पहली नौकरी में बगैर थके कंपनी की उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश कर रही थी। लेकिन काम के बोझ ने उसकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर गहरा असर डाला। नौकरी शुरू होने के कुछ ही समय बाद एना को एंग्जायटी, नींद न आने और तनाव जैसी समस्याएं होने लगीं। एना को रविवार को भी काम करने के लिए मजबूर किया जाता था।
उन्होंने पत्र में लिखा कि एना दिन-रात काम करती थी, यहां तक कि वीकेंड्स पर भी उसे चैन की सांस लेने की फुरसत नहीं होती थी। एना को एक बार सहायक प्रबंधक ने रात में काम दिया जिसे अगली सुबह तक हर हाल में पूरा करने को कहा। एना ने पूरी रात जागकर काम किया और बिना आराम किए अगले दिन ऑफिस पहुंची। इन सबके बाद भी सबसे दुखद रहा कि एना के अंतिम संस्कार में कंपनी का कोई स्टाफ नहीं पहुंचा। एना की मां अनिता ऑगस्टिन द्वारा लिखा गया यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
केंद्र सरकार का रुख
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस पर सख्त कदम उठाए हैं। श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोशल मीडिया पर इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, “हम एना की मौत से बहुत दुखी हैं। असुरक्षित और तनावपूर्ण माहौल के आरोपों की गहन जांच की जाएगी। हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने इस मामले को अपने संज्ञान में लिया है और अब एना की मौत की परिस्थितियों की विस्तृत जांच की जा रही है। इसके साथ ही, केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी मामले पर जांच का आश्वासन दिया है।
ईवाई कंपनी की प्रतिक्रिया
एना की मौत और उसकी मां के पत्र के बाद, अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) ने एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने एना की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। कंपनी ने कहा, “हम एना के असामयिक निधन से बहुत दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं। हम परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं और अपने कर्मचारियों के लिए एक बेहतर वर्क कल्चर तैयार करने के तरीके खोज रहे हैं।”
कंपनी ने आगे कहा कि वे अपने कर्मचारियों की भलाई को सबसे अधिक महत्व देते हैं और इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सुधारात्मक कदम उठाने का वादा किया है।
सोशल मीडिया पर बहस और वर्क कल्चर पर सवाल
एना की मौत के बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरू हो गई है। लोग काम के अत्यधिक दबाव और काम के घंटे की सीमा पर सवाल उठा रहे हैं। कई लोग इस घटना को कॉर्पोरेट संस्कृति में सुधार की आवश्यकता के रूप में देख रहे हैं।
एक यूजर @Dhimahi11 ने ट्वीट किया, “मैंने यह पढ़ा। यह बहुत ही डरावना है। मैं भी जल्द ही कॉर्पोरेट की दुनिया में कदम रखने वाली हूं और Big-4 में काम करना हर किसी का सपना है। लेकिन यह घटना एक वेक अप कॉल की तरह है, जहां हमें अपने वर्क लाइफ बैलेंस को प्राथमिकता देनी होगी।”
वहीं, कुछ अन्य लोगों ने कहा कि काम के घंटे और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर कंपनियों को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। साथ ही यूजर्स ने कंपनियों में काम के माहौल को बेहतर करने की मांग की। कई लोगों ने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर काम के बोझ के प्रभाव का रिवैल्यूएशन करने की अपील की है।