
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट में वरिष्ठ नागरिकों को राहत देने के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) की सीमा यानी टैक्स पर छूट को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, किराए पर वार्षिक टीडीएस लिमिट को 2.4 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर दिया गया है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) पर टैक्स में छूट दी गई है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को और राहत मिलेगी। बजट में आयकर रिटर्न (ITR) भरने की अवधि 4 साल तक बढ़ा दी गई है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को कर मामलों में अधिक सुविधा मिलेगी।
वरिष्ठ नागरिकों को मिली ये राहतें
- TDS की सीमा 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपए
सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुए TDS की सीमा को दोगुना कर दिया है। अब पहले जहां 50,000 रुपए की सीमा थी, वहीं अब 1 लाख रुपए तक की सीमा कर दी गई है। इससे पेंशनभोगियों और फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज कमाने वाले वरिष्ठ नागरिकों को फायदा होगा।
- किराए पर वार्षिक TDS लिमिट 6 लाख रुपए हुई
बजट 2025 में किराए पर वार्षिक TDS की सीमा को 2.4 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर दिया गया है। यह उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास राहत लेकर आया है, जो किराए की आय पर निर्भर हैं।
- NSC पर टैक्स छूट
सरकार ने वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) से पैसे निकालने पर टैक्स में छूट देने का ऐलान किया है। यह छूट अगस्त 2024 के बाद लागू होगी। इससे उनकी बचत पर टैक्स का बोझ कम होगा।
- आयकर रिटर्न (ITR) भरने की अवधि बढ़ी
अब वरिष्ठ नागरिक चार साल तक अपना आयकर रिटर्न (ITR) भर सकेंगे। इससे उन्हें टैक्स से जुड़ी प्रक्रिया को पूरा करने में अधिक समय और सुविधा मिलेगी।
- टैक्स डिडक्शन में बड़ा ऐलान
बजट 2025 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। पहले यह सीमा 50,000 रुपए थी, जिसे अब दोगुना कर दिया गया है।
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