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BUDGET 2025 : डीप टेक के लिए फंड ऑफ फंड्स का ऐलान, अगले 5 साल में 10 हजार रिसर्च फेलोशिप भी मिलेगी, AI रिसर्च कार्यों को लेकर सरकार सजग

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट में विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। खासतौर पर डीप टेक (Deep Tech) सेक्टर को बूस्ट करने के लिए सरकार ने फंड ऑफ फंड्स सेटअप करने की घोषणा की है। इस ऐलान की मुख्य वजह भारत को AI क्षेत्र में अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धी माहौल बनाना है, जिसके लिए भारी निवेश और रिसर्च की जरूरत होगी।

इसके अलावा, IIT और IISc में रिसर्च के लिए अगले 5 साल में 10,000 फेलोशिप देने की योजना बनाई गई है। साथ ही, सरकार ने 20,000 करोड़ रुपए प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इनोवेशन के लिए देने का भी ऐलान किया है।

क्या होता है Deep Tech?

डीप टेक (Deep Technology) उन अत्याधुनिक वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग इनोवेशन पर आधारित होता है, जिनमें लंबी अवधि की रिसर्च और भारी निवेश की जरूरत होती है। ये केवल सॉफ्टवेयर या कंज्यूमर टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर्स और अन्य वैज्ञानिक क्षेत्रों को शामिल किया जाता है।

डीप टेक स्टार्टअप्स को स्थापित होने में लंबा समय लगता है और इन पर निवेश कम होता है। इस चुनौती को दूर करने के लिए सरकार ने इस सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए फंड ऑफ फंड्स स्थापित करने की योजना बनाई है।

डीप टेक और टेक्नोलॉजी सेक्टर को बूस्ट करने के लिए बड़े ऐलान

  1. डीप टेक के लिए फंड ऑफ फंड्स

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार डीप टेक स्टार्टअप्स और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए फंड ऑफ फंड्स सेटअप करेगी। यह फंड निजी निवेशकों को आकर्षित करने और डीप टेक रिसर्च को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

  1. IIT और IISc में रिसर्च के लिए 10 हजार फेलोशिप

सरकार ने उच्च शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए अगले 5 सालों में 10,000 पीएम रिसर्च फेलोशिप देने का ऐलान किया है। यह योजना मुख्य रूप से IITs (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और IISc (भारतीय विज्ञान संस्थान) में उच्च स्तरीय रिसर्च को समर्थन देने के लिए बनाई गई है।

  1. 20,000 करोड़ रुपए रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इनोवेशन के लिए

बजट 2025 में सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। इस राशि का उपयोग नई तकनीकों के विकास, स्टार्टअप्स को फंडिंग और अत्याधुनिक वैज्ञानिक रिसर्च के लिए किया जाएगा।

  1. नेशनल जियोस्पेशल मिशन की शुरुआत

सरकार ने फंडामेंटल जियोस्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा डेवलपमेंट के लिए नेशनल जियोस्पेशल मिशन लॉन्च करने की घोषणा की है। इसके तहत लैंड रिकॉर्ड्स, शहरी योजना (अर्बन प्लानिंग) और इंफ्रास्ट्रक्चर डिज़ाइन पर काम किया जाएगा।

  1. एजुकेशन में AI के लिए 500 करोड़ रुपए

बजट में एजुकेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इंटीग्रेशन के लिए 500 करोड़ रुपए के फंड की घोषणा की गई है। इसके तहत AI के उपयोग से एजुकेशन सिस्टम को स्मार्ट और एडवांस बनाया जाएगा।

  1. मौजूदा AI सेंटरों का विस्तार

सरकार ने एग्रीकल्चर, हेल्थकेयर और सस्टेनेबल सिटीज में AI के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। 2023 में इस योजना की घोषणा की गई थी, लेकिन अब इसे और अधिक विस्तार दिया जाएगा।

क्यों जरूरी था यह ऐलान

डीप टेक स्टार्टअप्स में भारी निवेश की जरूरत होती है और उन्हें विकसित होने में लंबा समय लगता है। इस वजह से निजी क्षेत्र के निवेशक इस सेक्टर में कम रुचि दिखाते हैं। सरकार के इस फंडिंग और रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम से न केवल भारतीय रिसर्च और टेक्नोलॉजी सेक्टर को मजबूती मिलेगी, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर तकनीकी इनोवेशन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

भारत AI क्षेत्र में है पीछे

AI की शुरुआत आमतौर पर 2022 से में हुई। इस क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियों का बोलबाला रहा। सबसे पहले OpenAI ने ChatGPT नामक AI से बाजार में दस्तक दी और इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार किया। इसके बाद गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एपल और मेटा जैसी दिग्गज टेक कंपनियों ने AI क्षेत्र में भारी निवेश किया। इन कंपनियों ने AI को डेवेलप करने के लिए अरबों डॉलर खर्च किया।

पिछले हफ्ते चीन की DeepSeek नामक AI कंपनी ने पूरी दुनिया में तहलका मचाया। इसकी वजह बेहतर लैंग्वेज मॉडल तैयार करना तो है ही, लेकिन साथ ही इसे बनाने में मजह 6 मिलियन डॉलर का निवेश किया गया। ऐसे में भारत इस क्षेत्र में अभी बहुत पीछे है, जहां उसे इसके लिए भारी निवेश की जरूरत होगी और सरकार का सहयोग भी अपेक्षित होगा। ऐसे में सरकार द्वारा यह कदम भारत में AI क्षेत्र के भविष्य को लेकर सराहनीय है।

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